Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Mar 2017 · 2 min read

चिड़िया का घोंसला

“ चिड़िया ” घोंसला छोड़कर आसमान से पार उड़ गई ,हम बस देखते रह गए ,
सूनी हो गई पेड़ की पत्ती-डालें , हम आसमान की ऊंचाईयों को देखते रह गए I

तिनका-2 जोड़कर , लोगों के दिलों को तोड़कर चिड़िया ने “घोंसला” बनाया ,
जब पेड़ में फल-फूल आये तो उसने आसमान से पार अपना ठिकाना बनाया ,
बेदर्दी “ चिड़िया ” तुझे पेड़ ,पत्तियों,डालियों पर क्यों तनिक तरस नहीं आया ?
आंसुओं में भीगी पलकें निहार रही चिड़िया को ,पर तूने सबसे मुंह क्यों फिराया ?

“ चिड़िया ” घोंसला छोड़कर आसमान से पार उड़ गई ,हम बस देखते रह गए ,
सूना हुआ पेड़ का सारा “जहाँ ” हम बस जिंदगी की तेज रफ़्तार देखते रह गए,

चिड़िया ने सुनहरे टूटे पंखों से एक पैगाम हम सब तक पहुँचाया ,
आना- जाना कुदरत का अमिट दस्तूर है , तू क्यों अपने पर इतराता ?
सुंदर गुलिस्ताँ छोडकर तुझे भी एक दिन दूर गगन के पार है जाना ,
इस छोटी जिंदगानी में गूंज जाये जग में, तेरा इंसानियत का तराना I

“ चिड़िया ” घोंसला छोड़कर आसमान से पार उड़ गई ,हम बस देखते रह गए ,
बिखर गई मोतियों की सुंदर माला हम बस टूटे मोती की ओर निहारते रह गए I

“राज” घोंसला छोड़ने से पहले गुलशन में अपनी खुसबू बिखेरते हुए चले ,
इंसानियत के दो फूल “जग के मालिक” के चरणों पर अर्पित करते चले ,
इंसान -2 से प्यार करके “परम पिता ” के सपनों को साकार करते हुए चले ,
उसके जग से प्यार करके अपना जीवन “ मानवता ” के नाम करते हुए चले I

“ चिड़िया ” घोंसला छोड़कर आसमान से पार उड़ गई ,हम बस केवल देखते रह गए ,
आना -जाना जीव का जीवनचक्र है , हम जीवन की गहराइयों को बस देखते रह गए I

देशराज “राज”

1 Like · 1 Comment · 2179 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हिंदी
हिंदी
पंकज कुमार कर्ण
होली के दिन
होली के दिन
Ghanshyam Poddar
हमें कोयले संग हीरे मिले हैं।
हमें कोयले संग हीरे मिले हैं।
surenderpal vaidya
"माटी से मित्रता"
Dr. Kishan tandon kranti
जो लिखा नहीं.....लिखने की कोशिश में हूँ...
जो लिखा नहीं.....लिखने की कोशिश में हूँ...
Vishal babu (vishu)
क्या ग़लत मैंने किया
क्या ग़लत मैंने किया
Surinder blackpen
प्रतीक्षा
प्रतीक्षा
Shaily
खुद से मिल
खुद से मिल
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
बनारस की ढलती शाम,
बनारस की ढलती शाम,
Sahil Ahmad
मेरे प्यारे भैया
मेरे प्यारे भैया
Samar babu
मां तुम बहुत याद आती हो
मां तुम बहुत याद आती हो
Mukesh Kumar Sonkar
हे आदमी, क्यों समझदार होकर भी, नासमझी कर रहे हो?
हे आदमी, क्यों समझदार होकर भी, नासमझी कर रहे हो?
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
क्या विरासत में हिस्सा मिलता है
क्या विरासत में हिस्सा मिलता है
Dr fauzia Naseem shad
मी ठू ( मैं हूँ ना )
मी ठू ( मैं हूँ ना )
Mahender Singh Manu
नारी नारायणी
नारी नारायणी
Sandeep Pande
गुरु श्रेष्ठ
गुरु श्रेष्ठ
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
Chhod aye hum wo galiya,
Chhod aye hum wo galiya,
Sakshi Tripathi
नज़्म तुम बिन कोई कही ही नहीं।
नज़्म तुम बिन कोई कही ही नहीं।
Neelam Sharma
SADGURU IS TRUE GUIDE…
SADGURU IS TRUE GUIDE…
Awadhesh Kumar Singh
गीत
गीत
जगदीश शर्मा सहज
अकेला बेटा........
अकेला बेटा........
पूर्वार्थ
खुशियों का बीमा (व्यंग्य कहानी)
खुशियों का बीमा (व्यंग्य कहानी)
Dr. Pradeep Kumar Sharma
गुमशुदा लोग
गुमशुदा लोग
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
*कष्ट दो प्रभु इस तरह से,पाप सारे दूर हों【हिंदी गजल/गीतिका】*
*कष्ट दो प्रभु इस तरह से,पाप सारे दूर हों【हिंदी गजल/गीतिका】*
Ravi Prakash
2323.पूर्णिका
2323.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
💐प्रेम कौतुक-321💐
💐प्रेम कौतुक-321💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मैं राहुल गांधी बोल रहा हूं!
मैं राहुल गांधी बोल रहा हूं!
Shekhar Chandra Mitra
ईनाम
ईनाम
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
👤
👤"जिसका स्थिरता और विश्वसनीयता
*Author प्रणय प्रभात*
ईमेल आपके मस्तिष्क की लिंक है और उस मोबाइल की हिस्ट्री आपके
ईमेल आपके मस्तिष्क की लिंक है और उस मोबाइल की हिस्ट्री आपके
Rj Anand Prajapati
Loading...