Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Feb 2019 · 1 min read

【5】 *?* मेरी माँ को दुख नहीं दूंगा *?*

एक चिड़िया देखी मानव ने, जो दाना लेकर फुर्र उड़ी
मानव पूछा चिड़िया रानी, इतनी भी तुझको क्यों जल्दी
एक चिड़िया …………
{1} मानव बोला क्या तुझको, मेरी सहायता आन पड़ी
चिड़िया बोली सुन रे मानव, न पूछ मुझे जल्दी है बडी
खबर नहीं तुझे इस पल की, मेरे बच्चों की भूख बढ़ी
एक चिड़िया …………
{2} मानव ने कहा सुन री चिड़िया, तू क्यों अपनी जिद पै है अड़ी
थोड़ी सी भूख सहन कर ही, तेरे बच्चे बने मजबूत कड़ी
चिड़िया ने कहा मैं तो माँ हूँ, ममता मेरे दिल मैं उमडी
एक चिड़िया ………….
{3} मानव बोला चिड़िया रानी, चिन्ता तो तेरी बहुत बडी
क्या तेरे बच्चे भी आगे चल, तुझे बने सहायता की छड़ी
चिड़िया बोली मुझे पता नहीं, कैसी होगी वो मेरी घड़ी
एक चिड़िया ………….
{4} बडे हुए चिड़िया के बच्चे, चिड़िया बन गई एक बूढी
प्यार करे न एक भी बच्चा, बहैं नैन अश्कों की झड़ी
भूख से व्याकुल चिड़िया सोचे, राम आई ये कैसी घडी
एक चिड़िया …………..
{5} माँ के दिये निवाले खा, सन्तान बनी स्वार्थी बड़ी
ममतामयी माँ को जो दुख दे, उनकी तो किश्मत उजड़ी
जैसा करे भरे वो वैसा, रब की अदालत बहुत बडी
एक चिड़िया ……………
सीखः- माँ हमारे लिए संसार के सब सुख छोड़ सकती है। क्या हम भी हमारी माँ के लिए संसार के सब सुख छोड़ सकते हैं।

Arise DGRJ { Khaimsingh Saini }
M.A, B.Ed from University of Rajasthan
Mob. 9266034599

Language: Hindi
2 Likes · 643 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बारिश की बूंदों ने।
बारिश की बूंदों ने।
Taj Mohammad
विद्यार्थी को तनाव थका देता है पढ़ाई नही थकाती
विद्यार्थी को तनाव थका देता है पढ़ाई नही थकाती
पूर्वार्थ
हमने सबको अपनाया
हमने सबको अपनाया
Vandna thakur
दोगलापन
दोगलापन
Mamta Singh Devaa
3171.*पूर्णिका*
3171.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
भाव  पौध  जब मन में उपजे,  शब्द पिटारा  मिल जाए।
भाव पौध जब मन में उपजे, शब्द पिटारा मिल जाए।
शिल्पी सिंह बघेल
माँ की चाह
माँ की चाह
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
झूठे से प्रेम नहीं,
झूठे से प्रेम नहीं,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
जन्म मृत्यु का विश्व में, प्रश्न सदा से यक्ष ।
जन्म मृत्यु का विश्व में, प्रश्न सदा से यक्ष ।
Arvind trivedi
سیکھ لو
سیکھ لو
Ahtesham Ahmad
(25) यह जीवन की साँझ, और यह लम्बा रस्ता !
(25) यह जीवन की साँझ, और यह लम्बा रस्ता !
Kishore Nigam
■ लघुकथा / लेखिका
■ लघुकथा / लेखिका
*Author प्रणय प्रभात*
इन्द्रिय जनित ज्ञान सब नश्वर, माया जनित सदा छलता है ।
इन्द्रिय जनित ज्ञान सब नश्वर, माया जनित सदा छलता है ।
लक्ष्मी सिंह
जब जब ……
जब जब ……
Rekha Drolia
वसंत की बहार।
वसंत की बहार।
Anil Mishra Prahari
भ्रमन टोली ।
भ्रमन टोली ।
Nishant prakhar
दोदोस्ती,प्यार और धोखा का संबंध
दोदोस्ती,प्यार और धोखा का संबंध
रुपेश कुमार
*लब मय से भरे मदहोश है*
*लब मय से भरे मदहोश है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
दोजख से वास्ता है हर इक आदमी का
दोजख से वास्ता है हर इक आदमी का
सिद्धार्थ गोरखपुरी
कुछ तो अच्छा छोड़ कर जाओ आप
कुछ तो अच्छा छोड़ कर जाओ आप
Shyam Pandey
इस जग में हैं हम सब साथी
इस जग में हैं हम सब साथी
Suryakant Dwivedi
*मोती (बाल कविता)*
*मोती (बाल कविता)*
Ravi Prakash
"ख़ामोशी"
Pushpraj Anant
* straight words *
* straight words *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
💐प्रेम कौतुक-310💐
💐प्रेम कौतुक-310💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Blood relationships sometimes change
Blood relationships sometimes change
pratibha5khatik
मानव मूल्य शर्मसार हुआ
मानव मूल्य शर्मसार हुआ
Bodhisatva kastooriya
योग दिवस पर
योग दिवस पर
डॉ.सीमा अग्रवाल
आपकी तस्वीर ( 7 of 25 )
आपकी तस्वीर ( 7 of 25 )
Kshma Urmila
अपनी लेखनी नवापुरा के नाम ( कविता)
अपनी लेखनी नवापुरा के नाम ( कविता)
Praveen Sain
Loading...