Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Aug 2021 · 1 min read

चिराग़ बुझा दें….

बादल, बिजली, बारिश, बूँदे
हर मंजर चाहे ले लें कोई…
बस वह जुगनू रहने दें मुझ तक
बाकी हर एक चिराग बुझा दें…

शोहरत, तमन्ना, आरज़ू,मोहब्बत
हर कशिश अब उनकी हैं…
टूटा हुआ ख्वाब रहने दें पलकों में
बाकी हर एक ख्याल मिटा दें…

मेरे मांझी की हसरत है
खुशियों की इनायत पाने की…
वो एक खुशी के मिलने तक
मुझे उनके कदमों में बिछा दें…

मंजिल की तलाश में वो
भटकता हुआ मुसाफिर है…
या तो उसको मिल जाए मंजिल
या फिर मेरा आशियाना जला दें…
– ✍️देवश्री पारीक ‘अर्पिता’
©®

5 Likes · 4 Comments · 470 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
किसी मे
किसी मे
Dr fauzia Naseem shad
दोस्ती का कर्ज
दोस्ती का कर्ज
Dr. Pradeep Kumar Sharma
शेखर सिंह
शेखर सिंह
शेखर सिंह
बुद्ध धम्म में चलें
बुद्ध धम्म में चलें
Buddha Prakash
* रंग गुलाल अबीर *
* रंग गुलाल अबीर *
surenderpal vaidya
"एहसासों के दामन में तुम्हारी यादों की लाश पड़ी है,
Aman Kumar Holy
मारी थी कभी कुल्हाड़ी अपने ही पांव पर ,
मारी थी कभी कुल्हाड़ी अपने ही पांव पर ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
2594.पूर्णिका
2594.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
धन की खातिर तन बिका, साथ बिका ईमान ।
धन की खातिर तन बिका, साथ बिका ईमान ।
sushil sarna
बंद मुट्ठी बंदही रहने दो
बंद मुट्ठी बंदही रहने दो
Abasaheb Sarjerao Mhaske
मूर्ती माँ तू ममता की
मूर्ती माँ तू ममता की
Basant Bhagawan Roy
निंदा और निंदक,प्रशंसा और प्रशंसक से कई गुना बेहतर है क्योंक
निंदा और निंदक,प्रशंसा और प्रशंसक से कई गुना बेहतर है क्योंक
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
भूत प्रेत का भय भ्रम
भूत प्रेत का भय भ्रम
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
4) “एक और मौक़ा”
4) “एक और मौक़ा”
Sapna Arora
चाँद
चाँद
Atul "Krishn"
इजहार ए इश्क
इजहार ए इश्क
साहित्य गौरव
मंज़िल का पता है न ज़माने की खबर है।
मंज़िल का पता है न ज़माने की खबर है।
Phool gufran
मेरा हाल कैसे किसी को बताउगा, हर महीने रोटी घर बदल बदल कर खा
मेरा हाल कैसे किसी को बताउगा, हर महीने रोटी घर बदल बदल कर खा
Anil chobisa
ज्ञान तो बहुत लिखा है किताबों में
ज्ञान तो बहुत लिखा है किताबों में
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
पापियों के हाथ
पापियों के हाथ
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
*माटी की संतान- किसान*
*माटी की संतान- किसान*
Harminder Kaur
ज़िदादिली
ज़िदादिली
Shyam Sundar Subramanian
एक दिन जब न रूप होगा,न धन, न बल,
एक दिन जब न रूप होगा,न धन, न बल,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
■ एक नारा, एक दोहा-
■ एक नारा, एक दोहा-
*Author प्रणय प्रभात*
उम्र के हर पड़ाव पर
उम्र के हर पड़ाव पर
Surinder blackpen
खरीद लो दुनिया के सारे ऐशो आराम
खरीद लो दुनिया के सारे ऐशो आराम
Ranjeet kumar patre
ऐसा क्यूं है??
ऐसा क्यूं है??
Kanchan Alok Malu
होली का त्यौहार (बाल कविता)
होली का त्यौहार (बाल कविता)
Ravi Prakash
लहजा बदल गया
लहजा बदल गया
Dalveer Singh
प्यार और मोहब्बत नहीं, इश्क है तुमसे
प्यार और मोहब्बत नहीं, इश्क है तुमसे
पूर्वार्थ
Loading...