Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Dec 2020 · 2 min read

चिता के सामने गीत संगीत एक अनूठी परंपरा

हमारा देश विविधताओं और अंगूठी परंपराओं से भरा हुआ है। उन्हीं में से एक अनूठी सदियों से चली आ रही परंपरा आपके साथ साझा कर रहा हूं, जी हां अनूठी इसलिए क्या आपने कभी शमशान भूमि पर चिता के सामने ढोल मंजीरे तंबूरा साज बाज के साथ भजन होते देखे हैं? हां जनाब यह भारत में ही संभव है। झारखंड राज्य के बंगाल से लगे हुए कुछ जिलों में यह परंपरा सदियों से चली आ रही है, धनबाद बोकारो एवं अन्य जिलों के गांवों में आज भी जारी है। इस पूरे इलाके में जब कोई मृत्यु होती है, श्मशान भूमि में चिता जलाई जाती है और चिता को आग देने के बाद शुरू होता है, ढोल मंजीरे तंबूरा साज बाज के साथ जीव एवं देह तत्व का गायन। जीवन की क्षणभंगुर ता नश्वरता एवं जीव के अनादि होने संबंधी बड़े मधुर भजन गाए जाते हैं, जो शमशान की भयावहता शोक एवं मोह दूर करते हैं। मृत व्यक्ति के स्वजनों का शोक मोह दूर करने की यह परंपरा निभाई जाती है। जो वहां बसे वैष्णव बैरागियों द्वारा निभाई जाती है। जैसे पंडिताई के लिए यजवान होते हैं, उसी प्रकार इस परंपरा हेतु भी बैरागियों के यजमान होते हैं। यजमान के घर मृत्यु समाचार प्राप्त होते ही वैष्णव बैरागी शमशान पहुंच जाते हैं एवं अपने भजनों से जीवन की नश्वरता जीव एवं देह तत्व के निर्गुणी भजन चिता के सामने ही गाते हैं, ताकि मृतक के स्वजनों का शोक मोह दूर हो सके, जीवन की क्षण भंगुरता एवं सत्य का ज्ञान हो सके। कार्तिक माघ वैशाख में वैष्णव बैरागी गांव-गांव अपने यजमानों के घरों में जाते हैं, एवं तीन तीन दिनों तक अखंड कीर्तन की परंपरा निभाते हैं। बताया जाता है कि चैतन्य महाप्रभु के, चंडी दास के कीर्तन बंगाल एवं बंगाल से लगे हुए बिहार अब झारखंड कुछ उड़ीसा से लगे जिलों में चैतन्य के भाव प्रिय भजनों की परंपरा आज भी जारी है।

सुरेश कुमार चतुर्वेदी।

Language: Hindi
Tag: लेख
5 Likes · 4 Comments · 240 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेश कुमार चतुर्वेदी
View all
You may also like:
"क्या बताऊँ दोस्त"
Dr. Kishan tandon kranti
ध्यान सारा लगा था सफर की तरफ़
ध्यान सारा लगा था सफर की तरफ़
अरशद रसूल बदायूंनी
"बच्चों की दुनिया"
Dr Meenu Poonia
लौट कर न आएगा
लौट कर न आएगा
Dr fauzia Naseem shad
अवसर त मिलनक ,सम्भव नहिं भ सकत !
अवसर त मिलनक ,सम्भव नहिं भ सकत !
DrLakshman Jha Parimal
नकाबपोश रिश्ता
नकाबपोश रिश्ता
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
18. कन्नौज
18. कन्नौज
Rajeev Dutta
ताकत
ताकत
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
Darak me paida hoti meri kalpanaye,
Darak me paida hoti meri kalpanaye,
Sakshi Tripathi
समय यात्रा: मिथक या वास्तविकता?
समय यात्रा: मिथक या वास्तविकता?
Shyam Sundar Subramanian
सामाजिक बहिष्कार हो
सामाजिक बहिष्कार हो
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
*कमाल की बातें*
*कमाल की बातें*
आकांक्षा राय
शाकाहारी
शाकाहारी
डिजेन्द्र कुर्रे
#दोहा
#दोहा
*Author प्रणय प्रभात*
रमेशराज के शृंगाररस के दोहे
रमेशराज के शृंगाररस के दोहे
कवि रमेशराज
वक्त के इस भवंडर में
वक्त के इस भवंडर में
Harminder Kaur
महावीर उत्तरांचली आप सभी के प्रिय कवि
महावीर उत्तरांचली आप सभी के प्रिय कवि
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
Dard-e-Madhushala
Dard-e-Madhushala
Tushar Jagawat
*बोलो चुकता हो सका , माँ के ऋण से कौन (कुंडलिया)*
*बोलो चुकता हो सका , माँ के ऋण से कौन (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
जब वक्त ने साथ छोड़ दिया...
जब वक्त ने साथ छोड़ दिया...
Ashish shukla
3090.*पूर्णिका*
3090.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
इंद्रधनुष
इंद्रधनुष
Dr Parveen Thakur
राह पर चलते चलते घटित हो गई एक अनहोनी, थम गए कदम,
राह पर चलते चलते घटित हो गई एक अनहोनी, थम गए कदम,
Sukoon
💐अज्ञात के प्रति-109💐
💐अज्ञात के प्रति-109💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
गवाह तिरंगा बोल रहा आसमान 🇧🇴
गवाह तिरंगा बोल रहा आसमान 🇧🇴
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
गुफ्तगू
गुफ्तगू
Naushaba Suriya
डर - कहानी
डर - कहानी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
न मुमकिन है ख़ुद का घरौंदा मिटाना
न मुमकिन है ख़ुद का घरौंदा मिटाना
शिल्पी सिंह बघेल
अपनी बेटी को
अपनी बेटी को
gurudeenverma198
ना धर्म पर ना जात पर,
ना धर्म पर ना जात पर,
Gouri tiwari
Loading...