Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Apr 2018 · 1 min read

चिता की अग्नि

चिता की अग्नि
****************
नहीं थे कुछ वो लेकर आये
खाली हाथ निकलते देखा,
राजा हो या रंक सभी को
यहीं चिता पर जलते देखा।

इस परिवर्तनशील समय को
पल – पल रंग बदलते देखा,
चार जनों के ही कंधों पर
एक दिन सबको चलते देखा।

माया मोह के भवँर में फँसकर
हिम को आग उगलते देखा,
उस काया को एक दिन मैनें
चिता पे धू – धू जलते देखा।

शीखर चढ़े जो इतराये थे
उनको गीरते – पड़ते देखा,
ताउम्र औरों को जलाया
उन्हें चिता पर जलते देखा।

गोरे तन संग निश्छलता को
पल – पल जिनको छलते देखा,
काली – कलूटी राख में उनको
एक दिन मैने बदलते देखा।

सब कुछ देखा इस दुनिया में
कुछ भी नहीं बदलते देखा,
अटल सत्य इस जग का मृत्यु
सत्य से सबको डरते देखा।

क्षुद्र नदी सम मानवता को
सीमा तोड़ उछलते देखा,
खड़े पेड़ उस रेत के जैसा
उन्हें धरा पर ढलते देखा।

सिक्के थे चलते जिनके कभी
उन्हें जगत से चलते देखा,
दो कौड़ी के काठ पे उनको
छोड़ यहीं सब जलते देखा।
………….✍?
पं.संजीव शुक्ल “सचिन”
?? मुसहरवा (मंशानगर)
पश्चिमी चम्पारण
बिहार…८४५४५५

Language: Hindi
256 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from संजीव शुक्ल 'सचिन'
View all
You may also like:
अधूरा ज्ञान
अधूरा ज्ञान
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
बस तुम हो और परछाई तुम्हारी, फिर भी जीना पड़ता है
बस तुम हो और परछाई तुम्हारी, फिर भी जीना पड़ता है
पूर्वार्थ
जब भी अपनी दांत दिखाते
जब भी अपनी दांत दिखाते
AJAY AMITABH SUMAN
Dont worry
Dont worry
*Author प्रणय प्रभात*
*जीवन का आधार है बेटी,
*जीवन का आधार है बेटी,
Shashi kala vyas
आप और हम
आप और हम
Neeraj Agarwal
वसुधा में होगी जब हरियाली।
वसुधा में होगी जब हरियाली।
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
परीक्षा है सर पर..!
परीक्षा है सर पर..!
भवेश
2931.*पूर्णिका*
2931.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दर्दे दिल…….!
दर्दे दिल…….!
Awadhesh Kumar Singh
बुद्ध वचन सुन लो
बुद्ध वचन सुन लो
Buddha Prakash
*** सफलता की चाह में......! ***
*** सफलता की चाह में......! ***
VEDANTA PATEL
मां के आंचल में कुछ ऐसी अजमत रही।
मां के आंचल में कुछ ऐसी अजमत रही।
सत्य कुमार प्रेमी
मेरी जिंदगी
मेरी जिंदगी
ओनिका सेतिया 'अनु '
💐प्रेम कौतुक-476💐
💐प्रेम कौतुक-476💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
पुकार
पुकार
Manu Vashistha
किसकी कश्ती किसका किनारा
किसकी कश्ती किसका किनारा
डॉ० रोहित कौशिक
खिचे है लीक जल पर भी,कभी तुम खींचकर देखो ।
खिचे है लीक जल पर भी,कभी तुम खींचकर देखो ।
Ashok deep
आपको डुबाने के लिए दुनियां में,
आपको डुबाने के लिए दुनियां में,
नेताम आर सी
एक सशक्त लघुकथाकार : लोककवि रामचरन गुप्त
एक सशक्त लघुकथाकार : लोककवि रामचरन गुप्त
कवि रमेशराज
.........?
.........?
शेखर सिंह
॰॰॰॰॰॰यू॰पी की सैर॰॰॰॰॰॰
॰॰॰॰॰॰यू॰पी की सैर॰॰॰॰॰॰
Dr. Vaishali Verma
"गम का सूरज"
Dr. Kishan tandon kranti
मैं
मैं "आदित्य" सुबह की धूप लेकर चल रहा हूं।
Dr. ADITYA BHARTI
प्रेरणा
प्रेरणा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
*जिस सभा में जाति पलती, उस सभा को छोड़ दो (मुक्तक)*
*जिस सभा में जाति पलती, उस सभा को छोड़ दो (मुक्तक)*
Ravi Prakash
Happy Holi
Happy Holi
अनिल अहिरवार"अबीर"
मैं और मेरा
मैं और मेरा
Pooja Singh
कविता ....
कविता ....
sushil sarna
8) दिया दर्द वो
8) दिया दर्द वो
पूनम झा 'प्रथमा'
Loading...