चिंता चिता समान है
चिंता चिता समान है,रहिए इससे दूर।
वरना छोटे घाव का ,कर देती नासूर।
कर देती नासूर, भरे नहिं इसका फोड़ा।
हाथ फेर बौराय, उछल जाये ज्यों घोड़ा।
कहै अटल कविराय,सभी के हैं भगवंता।
सब कुछ उस आधीन,करो मत भैया चिंता।
?❤️?
अटल मुरादाबादी