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16 Mar 2021 · 1 min read

चाहत

दादा जी की जेब थी, खुशियों भरी दुकान
सीरत पाती थी जहाँ, चाहत का सामान
शीला गहलावत सीरत
चण्डीगढ़, हरियाणा

Language: Hindi
4 Likes · 440 Views
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