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6 May 2021 · 1 min read

चाल बदली वक़्त ने — गजल/गीतिका

चाल बदली वक्त ने, ज़रा आप भी बदलिए।
मांग है वर्तमान दौर की, अकेले में ही चलिए।
बीत जाएगा दौर ए मुश्किल,निकलेगा कोई तो हल,
तब तक ओ मेरे भाई,भीड़ में न कभी रहिए।।
हौसलों का आसमान,उम्मीदों के पंख,
भर सको उड़ान जितनी आप भरते ही रहिए।।
आए न निराशा पास,न रखें खुद को उदास,
बैठ अपनों के बीच, प्रेम लुटाते ही रहिए।।
ध्यान हो योग हो, चाहे रोग कैसा भी हो,
कर मन एकाग्र, साधना अपनी करते ही रहिए।।
करेगा ईश्वर न्याय,शरण में उनकी जाएं
श्री चरणों में झुका शीश,विनय करते ही रहिए।।
राजेश व्यास अनुनय

Language: Hindi
4 Likes · 4 Comments · 231 Views
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