Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Jun 2020 · 1 min read

चायवाले का बकाया

एक चायवाले ने टोका-

स्केलवाले टीचर हैं

या चार हजारी !

लाख समझाने पर

अब नौ-दस हजार है

कहते- उससे क्या ?

चाय के रुपये कई हजार हैं बकाये

देते कहाँ हैं,

उल्टे पेपर भी मुफ्त में पढ़ जाते हैं !

Language: Hindi
526 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कलियों  से बनते फूल हैँ
कलियों से बनते फूल हैँ
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
पंचम के संगीत पर,
पंचम के संगीत पर,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
🙏🙏 अज्ञानी की कलम 🙏🙏
🙏🙏 अज्ञानी की कलम 🙏🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Phool gufran
|| तेवरी ||
|| तेवरी ||
कवि रमेशराज
दो का पहाडा़
दो का पहाडा़
Rituraj shivem verma
फितरत
फितरत
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
जस गीत
जस गीत
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
नई उम्मीद
नई उम्मीद
Pratibha Pandey
अहोभाग्य
अहोभाग्य
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"चीखें विषकन्याओं की"
Dr. Kishan tandon kranti
8-मेरे मुखड़े को सूरज चाँद से माँ तोल देती है
8-मेरे मुखड़े को सूरज चाँद से माँ तोल देती है
Ajay Kumar Vimal
पसरी यों तनहाई है
पसरी यों तनहाई है
Dr. Sunita Singh
💐प्रेम कौतुक-424💐
💐प्रेम कौतुक-424💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
'I love the town, where I grew..'
'I love the town, where I grew..'
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
सुबह की चाय है इश्क,
सुबह की चाय है इश्क,
Aniruddh Pandey
फिसल गए खिलौने
फिसल गए खिलौने
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
साँप ...अब माफिक -ए -गिरगिट  हो गया है
साँप ...अब माफिक -ए -गिरगिट हो गया है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
राखी
राखी
Shashi kala vyas
ग़ज़ल - ख़्वाब मेरा
ग़ज़ल - ख़्वाब मेरा
Mahendra Narayan
#रोज़मर्रा
#रोज़मर्रा
*Author प्रणय प्रभात*
महिला दिवस
महिला दिवस
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
नींबू की चाह
नींबू की चाह
Ram Krishan Rastogi
ज़िंदगी के कई मसाइल थे
ज़िंदगी के कई मसाइल थे
Dr fauzia Naseem shad
मसला ये नहीं कि कोई कविता लिखूं ,
मसला ये नहीं कि कोई कविता लिखूं ,
Manju sagar
बुजुर्गो को हल्के में लेना छोड़ दें वो तो आपकी आँखों की भाषा
बुजुर्गो को हल्के में लेना छोड़ दें वो तो आपकी आँखों की भाषा
DrLakshman Jha Parimal
स्वागत है इस नूतन का यह वर्ष सदा सुखदायक हो।
स्वागत है इस नूतन का यह वर्ष सदा सुखदायक हो।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
*हे प्रभो सब हों सुखी, बीमारियों से दूर हों【मुक्तक】*
*हे प्रभो सब हों सुखी, बीमारियों से दूर हों【मुक्तक】*
Ravi Prakash
शुक्रिया जिंदगी!
शुक्रिया जिंदगी!
Madhavi Srivastava
बाल कविता : बादल
बाल कविता : बादल
Rajesh Kumar Arjun
Loading...