चांदनी मेरे घर का , नूर हो जाए ऐ मेरे खुदा
1.
चांदनी मेरे घर का , नूर हो जाए ऐ मेरे खुदा
मुझे स्याह रातों से , रूबरू होना न पड़े
2.
गरीबी पर मेरी कुछ तो रहम खाओ ,ऐ मेरे खुदा
गम्दीदा हूँ, मुझे भी हँसना सिखाओ ,ऐ मेरे खुदा
1.
चांदनी मेरे घर का , नूर हो जाए ऐ मेरे खुदा
मुझे स्याह रातों से , रूबरू होना न पड़े
2.
गरीबी पर मेरी कुछ तो रहम खाओ ,ऐ मेरे खुदा
गम्दीदा हूँ, मुझे भी हँसना सिखाओ ,ऐ मेरे खुदा