चाँद ने फिर आज देखो
ओट में खुद को छिपाया चाँद ने फिर आज देखो
रात का घूँघट उठाया चाँद ने फिर आज देखो
खो गयी थी चाँदनी उसकी अमावस में कहीं पर
ढ़ूँढ कर सीने लगाया चाँद ने फिर आज देखो
डॉ अर्चना गुप्ता
ओट में खुद को छिपाया चाँद ने फिर आज देखो
रात का घूँघट उठाया चाँद ने फिर आज देखो
खो गयी थी चाँदनी उसकी अमावस में कहीं पर
ढ़ूँढ कर सीने लगाया चाँद ने फिर आज देखो
डॉ अर्चना गुप्ता