चाँद का घूंघट उठाओ
1.
चाँद का घूंघट उठाओ
कि सुहानी रात आई है
दिलों में प्यार की रागिनी जगाओ
कि हुस्न की बारात आई है
2.
तन्हाईयाँ किसी की चाहत को
और भी खुशनुमा बना देती है
उसकी यादें , उसकी बातें
उसे मुहब्बत का खुदा बना देती है
1.
चाँद का घूंघट उठाओ
कि सुहानी रात आई है
दिलों में प्यार की रागिनी जगाओ
कि हुस्न की बारात आई है
2.
तन्हाईयाँ किसी की चाहत को
और भी खुशनुमा बना देती है
उसकी यादें , उसकी बातें
उसे मुहब्बत का खुदा बना देती है