चल चल चलते हैं — घनाक्षरी
चल चल चलते हैं — घनाक्षरी
चल चल चलते हैं यहां सब जलते हैं।
पलते हैं सपने जो, और कहीं देखेंगे।।
देख लिया राग रंग, हर कोई करे तंग।
जिंदगी की जंग को ,और कहीं रखेंगे।।
नहीं नहीं हारना है, जीवन सवारना है
टल सके टालना है, सत्य ही परखेंगे।।
लौट के ना आए यहां, लड़ते है सब यहां।
असत्य की ठौर पर, पांव नहीं रखेंगे।।
राजेश व्यास अनुनय