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18 Jan 2018 · 1 min read

चलो

आवो हम सब मिल चलें
जमुना जी के टिड
उत श्याम बंसी बजे
राधा भर लावे नीर।
राधा भर ल्यावे नीर
कदम्ब की छांव है बैठी
कान्ह ढ़ेर की बंसी को
वह अपनी सुध बुद्ध दे बैठी ।
वह अपनी सुध बुध दे बैठी
की रैनदीनाअंतर न सूझै
उसके घायल मन की
कोऊ कछु न भुझै।
कोउ न बुझै बावरे
चातक बन गए नैन
कृष्ण कृष्ण अधर करें
श्वांस शवान्स म चैन।।

Language: Hindi
518 Views
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