**चलो चिंतन करते हैं!!
चलो चिंतन करते हैं कुछ ऐसा मंथन करते हैं
आए जिससे चहुं और सुख समृद्धि ,
ऐसा ही कुछ मनन करते हैं ।
आखिर क्यों समाज में यह विकृति आई।
इज्जत कभी बहन है खोती कभी जल जाती है माई।
दिन-रात लिखते पढ़ते हम ,आधुनिकता आई, पर कैसी भाई
इस आधुनिकता में कुछ, पुरातन संस्कृति के रंग भरते हैं।
ऐसा ही कुछ मनन करते हैं।।
खोजें उन वजहों को , जो शिक्षा से दूर हुए।
जोड़ें उनको फिर से पठन-पाठन में,
ताकि नई पीढ़ी उस राह चले।
भाव सभी में हम यह भरते हैं
चलो चिंतन करते हैं ।।
राजेश व्यास अनुनय