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15 Jun 2019 · 1 min read

चलो चले मेरे गाँव चले

चलो चले सब मेरे गाँव चले,
तपती धरा पर नंगे पाँव जले,

सड़क किनारे लगे दौड़ने,
पेड़ो की छाया फिर ढूँढने,

सिर पर ढूँढे हम सब पगड़ी,
मिली न किसी खेत में ककड़ी,

सूनी सूनी दिखी हमे चौपालें,
कहाँ गई वो हमारी महफिले,

हर हाथ में मोबाइल बजता,
छोटा हो या बड़ा इसी में रमता,

उदास थी देखो सारी गलियां,
खिल नहीं पाई फूलों की कलियाँ,

मंदिर सूने मशीन बजाती घंटी,
गले मे नही है तुलसी की कंठी,

कहाँ गई वो हरियाली,
कहाँ गई वो खुशहाली,

देखो देखो पतंग बिना नभ सूना,
रिमझिम बारिश का नहीं मौसम दूना,

बदल गया गाँव,
बदल गयी छाँव,

चलो चले मेरे गाँव चले, ….

।।जेपी लववंशी ।।

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 377 Views
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