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7 Oct 2019 · 1 min read

चलो कहानी शुरू करें कब

चलो कहानी शुरू करें अब
अपनी और तुम्हारी भाई
आज जो मैंने कलम उठाई
याद तुम्हारी दिन भर आई
यूं तो हंसना फितरत मेरी
आंख मगर अक्सर भर आई
बिना तुम्हारे इस दीवाली
घर हर कोने नमी समाई
सोचा दस्तक तुम दे दोगे
मगर तनिक ना आहट आई
आज जो मैंने क़लम उठाई
याद तुम्हारी दिन भर आई
यूं तो मैं चल रहा सफर में
लेकिन जैसे ठोकर खाई
दिल कहता बस और नहीं अब
आवाज तुम्हारी उस पल आई
चलो कहानी ….
अपनी और तुम्हारी भाई

2 Likes · 1 Comment · 240 Views
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