चलो एक बार फिर से— (मुक्तक)
चलो एक बार फिर से हम, नईदुनिया बसाते हैं।
गुजरे पल को भुला कर के, नई उम्मीद जगाते हैं।।
दूरियां हो जाएगी कम ,भूल जाएंगे हम तो गम।
चलेंगे संग में तुम और हम, नई राहें बनाते हैं।।
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कहने वाले तो कहते हैं, ध्यान न हम उन पर देंगे।
करेंगे निर्णय अब अपना, मध्य में घुसने ना देंगे।
तोड़ना काम उनका है, जोड़ना हमको रिश्ता है।
बनेंगे एक दूजे का हिस्सा, उन्हें अब कहने ना देंगे।।
राजेश व्यास अनुनय