Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 May 2021 · 2 min read

चले जाना है इक दिन!!

चले जाना है,
इक दिन,
चले जाना है हम सबको,
अपने अपने बुलावे पर,
अपने लिए निर्धारित दिन,

क्या है यह अपना पराया,
यह सब जग की झूठी माया,
क्या तेरा क्या है मेरा,
क्या लेकर आया,
क्या लेकर है जाना,
सब कुछ यहीं पर छूट है जाना,
इक दिन जब हमको है यहां से जाना!

चीख रहा था तब उस दिन,
इस धरा पर आया जिस दिन,
किसे जानता था तू उस दिन,
अनजानों के बीच घिरा था,
ना उठकर चलने की हिम्मत थी,
ना कुछ कह सकने की सामर्थ्य बची,
टकटकी लगाए देख रहा था,
इस जग की झूठी माया को,
तब जिसने अपने आंचल में छुपा लिया,
और अधरों पर अमृत बरसाया,
सबसे पहले वह थी अपनी,
मां बन कर जिसने प्यार लुटाया!

उस मां ने ही जग का बोध कराया,
उस मां ने ही जीवन जीना सिखलाया,
उस मां ने ही पकड़कर बिठलाया,
उसने ही चलना भी सिखलाया,
उसने ही ममता की छांव भरी,
उसने ही कर्तब्य का बोध कराया,
इक दिन उसको भी जाना था,
बिन कहे ही वह भी चली गई,
अपनी संचित मोह माया को,
कर मेरे हवाले चली गई !

मोह बंधन का यह ताना बाना,
जो हमने है धारण कर अपनाया,
इसी मोह पास में बंधकर हमने,
अपना अपना राग सुनाया,
अपने अपने की चाहत में,
ना निज धर्म ही अपनाया,
लेकर ना कोई सीख हमने,
समय यूं ही गंवाया,
अब चलने की जब आ गई बारी,
अब काहे पछताना,
इक दिन तो है हम सबको जाना!

चलना है हम सभी को,
एक ही पथ पर,
ना है कोई अजर अमर,
ना ही है कोई और डगर,
फिर काहे की हाय तौबा,
फिर काहे का अगर मगर,
फिर काहे की लुट खसोट,
फिर काहे की मारामारी,
फिर काहे को संचय करता रे,
हे अभिमानी,रे अज्ञानी,
जाना तो है इक दिन तुझको भी,
और जाना है मुझको भी,
यह दुनिया तो है आनी जानी,
इस दुनिया की यही अजब कहानी!

Language: Hindi
3 Likes · 6 Comments · 436 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Jaikrishan Uniyal
View all
You may also like:
"फर्क बहुत गहरा"
Dr. Kishan tandon kranti
अस्मिता
अस्मिता
Shyam Sundar Subramanian
23/104.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/104.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*तेरे साथ जीवन*
*तेरे साथ जीवन*
AVINASH (Avi...) MEHRA
16, खुश रहना चाहिए
16, खुश रहना चाहिए
Dr Shweta sood
सूझ बूझ
सूझ बूझ
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
व्यस्तता
व्यस्तता
Surya Barman
बाल गीत
बाल गीत "लंबू चाचा आये हैं"
अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि
चिढ़ है उन्हें
चिढ़ है उन्हें
Shekhar Chandra Mitra
दर्द उसे होता है
दर्द उसे होता है
Harminder Kaur
चाय का निमंत्रण
चाय का निमंत्रण
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
हमारा साथ और यह प्यार
हमारा साथ और यह प्यार
gurudeenverma198
*यह  ज़िंदगी  नही सरल है*
*यह ज़िंदगी नही सरल है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
सूर्य देव
सूर्य देव
Bodhisatva kastooriya
* सुहाती धूप *
* सुहाती धूप *
surenderpal vaidya
भिक्षु रूप में ' बुद्ध '
भिक्षु रूप में ' बुद्ध '
Buddha Prakash
पड़ोसन की ‘मी टू’ (व्यंग्य कहानी)
पड़ोसन की ‘मी टू’ (व्यंग्य कहानी)
Dr. Pradeep Kumar Sharma
हम अपनी आवारगी से डरते हैं
हम अपनी आवारगी से डरते हैं
Surinder blackpen
उसका-मेरा साथ सुहाना....
उसका-मेरा साथ सुहाना....
डॉ.सीमा अग्रवाल
🌱मैं कल न रहूँ...🌱
🌱मैं कल न रहूँ...🌱
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
।।आध्यात्मिक प्रेम।।
।।आध्यात्मिक प्रेम।।
Aryan Raj
*प्रकृति का नव-वर्ष 【घनाक्षरी】*
*प्रकृति का नव-वर्ष 【घनाक्षरी】*
Ravi Prakash
याद रखते अगर दुआओ में
याद रखते अगर दुआओ में
Dr fauzia Naseem shad
'व्यथित मानवता'
'व्यथित मानवता'
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
खूबसूरती
खूबसूरती
RAKESH RAKESH
अब
अब "अज्ञान" को
*Author प्रणय प्रभात*
संगिनी
संगिनी
Neelam Sharma
यहा हर इंसान दो चहरे लिए होता है,
यहा हर इंसान दो चहरे लिए होता है,
Happy sunshine Soni
ज़माना हक़ीक़त
ज़माना हक़ीक़त
Vaishaligoel
हिन्दी दोहा बिषय -हिंदी
हिन्दी दोहा बिषय -हिंदी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
Loading...