Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Aug 2019 · 1 min read

चलना जरा सम्भल कर

जीवन की डगर पे साथी चलना जरा संभल के- 2
राहें बड़ी कठिन हैं काँटे बहुत पड़े हैं।
बचते बचाते खुद को लाना बहुत कठिन है
दुनिया की तुझपे नजरें -2
चलना जरा संभल के।
जीवन की डगर पे साथी चलना जरा संभल के–2
आकर चले भी जाना फुरसत से बात करके
अपनों से बात करके संबल बहुत मिलेगा
सबको हँसाते हँसते– 2
चलना जरा संभल के।
जीवन की डगर पे साथी चलना जरा संभल के–2
आये जो काम सबके वो ही हुए पराये
दुनिया की महफिलों में वो ही हुए बेगाने
सबको दुआएं देते-2
चलना जरा संभल के।
जीवन की डगर पे साथी चलना जरा संभल के–2

Language: Hindi
Tag: गीत
2 Likes · 386 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
इश्क की रूह
इश्क की रूह
आर एस आघात
तुम सत्य हो
तुम सत्य हो
Dr.Pratibha Prakash
कहानी-
कहानी- "हाजरा का बुर्क़ा ढीला है"
Dr Tabassum Jahan
हसदेव बचाना है
हसदेव बचाना है
Jugesh Banjare
शिर्डी के साईं बाबा
शिर्डी के साईं बाबा
Sidhartha Mishra
वक्त के साथ-साथ चलना मुनासिफ है क्या
वक्त के साथ-साथ चलना मुनासिफ है क्या
कवि दीपक बवेजा
ग़ज़ल
ग़ज़ल
प्रीतम श्रावस्तवी
अंदाज़े बयाँ
अंदाज़े बयाँ
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"संवेदना"
Dr. Kishan tandon kranti
आजकल के समाज में, लड़कों के सम्मान को उनकी समझदारी से नहीं,
आजकल के समाज में, लड़कों के सम्मान को उनकी समझदारी से नहीं,
पूर्वार्थ
प्रेम 💌💌💕♥️
प्रेम 💌💌💕♥️
डॉ० रोहित कौशिक
गुरुवर
गुरुवर
डॉ०छोटेलाल सिंह 'मनमीत'
तुम मुझे बना लो
तुम मुझे बना लो
श्याम सिंह बिष्ट
माँ का घर
माँ का घर
Pratibha Pandey
मकसद कि दोस्ती
मकसद कि दोस्ती
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
हीरा उन्हीं को  समझा  गया
हीरा उन्हीं को समझा गया
दुष्यन्त 'बाबा'
*घुटन-सी लग रही है अब, हवा ताजी बहाऍंगे (हिंदी गजल/ गीतिका)*
*घुटन-सी लग रही है अब, हवा ताजी बहाऍंगे (हिंदी गजल/ गीतिका)*
Ravi Prakash
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Rekha Drolia
मुजरिम करार जब कोई क़ातिल...
मुजरिम करार जब कोई क़ातिल...
अश्क चिरैयाकोटी
खूबसूरती एक खूबसूरत एहसास
खूबसूरती एक खूबसूरत एहसास
Dr fauzia Naseem shad
सत्य दीप जलता हुआ,
सत्य दीप जलता हुआ,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
💐प्रेम कौतुक-419💐
💐प्रेम कौतुक-419💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
दोहा
दोहा
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
Dont worry
Dont worry
*Author प्रणय प्रभात*
ख्वाब देखा है हसीन__ मरने न देंगे।
ख्वाब देखा है हसीन__ मरने न देंगे।
Rajesh vyas
साथ
साथ
Dr. Pradeep Kumar Sharma
"व्यक्ति जब अपने अंदर छिपी हुई शक्तियों के स्रोत को जान लेता
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
अहंकार
अहंकार
लक्ष्मी सिंह
तुम अभी आना नहीं।
तुम अभी आना नहीं।
Taj Mohammad
23/104.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/104.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...