Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Mar 2017 · 1 min read

चमन-सदृश गुणबान , प्रीति बन कहते गांधी

गांधी जी की जयंती, सत्य-अहिंसा-प्रेम|
पाठ पढ़ो औ जानकर, धारण करिए नेम||
धारण करिए नेम, बनो शीतलतामय वट|
पोषण से भर धरा, बनो सद्बोधी-जीवट||
कह “नायक” कविराय, रुके अज्ञानी आँधी|
चमन-सदृश गुणबान, प्रीति बन कहते गांधी||

बृजेश कुमार नायक
“जागा हिंदुस्तान चाहिए” एवं “क्रौंच सुऋषि आलोक” कृतियों के प्रणेता

गांधी=महात्मा गांधी

1 Like · 1 Comment · 706 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Pt. Brajesh Kumar Nayak
View all
You may also like:
■दोहा■
■दोहा■
*Author प्रणय प्रभात*
*जिंदगी के कुछ कड़वे सच*
*जिंदगी के कुछ कड़वे सच*
Sûrëkhâ Rãthí
"वोट के मायने"
Dr. Kishan tandon kranti
भारत देश
भारत देश
लक्ष्मी सिंह
छोड़ दिया
छोड़ दिया
Srishty Bansal
नशा
नशा
Mamta Rani
नज़्म/कविता - जब अहसासों में तू बसी है
नज़्म/कविता - जब अहसासों में तू बसी है
अनिल कुमार
सुनो प्रियमणि!....
सुनो प्रियमणि!....
Santosh Soni
वर्षा का भेदभाव
वर्षा का भेदभाव
DR. Kaushal Kishor Shrivastava
आरम्भ
आरम्भ
Neeraj Agarwal
बीज और विचित्रताओं पर कुछ बात
बीज और विचित्रताओं पर कुछ बात
Dr MusafiR BaithA
अमन तहज़ीब के परचम को हम ईमान कहते हैं।
अमन तहज़ीब के परचम को हम ईमान कहते हैं।
Phool gufran
बचपन और गांव
बचपन और गांव
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
बातों - बातों में छिड़ी,
बातों - बातों में छिड़ी,
sushil sarna
सहधर्मिणी
सहधर्मिणी
Bodhisatva kastooriya
3257.*पूर्णिका*
3257.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कोई उपहास उड़ाए ...उड़ाने दो
कोई उपहास उड़ाए ...उड़ाने दो
ruby kumari
आओ थोड़ा जी लेते हैं
आओ थोड़ा जी लेते हैं
Dr. Pradeep Kumar Sharma
रामायण से सीखिए,
रामायण से सीखिए,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
सुनों....
सुनों....
Aarti sirsat
*पाए हर युग में गए, गैलीलियो महान (कुंडलिया)*
*पाए हर युग में गए, गैलीलियो महान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
बड़ा मुश्किल है ये लम्हे,पल और दिन गुजारना
बड़ा मुश्किल है ये लम्हे,पल और दिन गुजारना
'अशांत' शेखर
काल चक्र कैसा आया यह, लोग दिखावा करते हैं
काल चक्र कैसा आया यह, लोग दिखावा करते हैं
पूर्वार्थ
पुस्तक तो पुस्तक रहा, पाठक हुए महान।
पुस्तक तो पुस्तक रहा, पाठक हुए महान।
Manoj Mahato
वाक़िफ न हो सके हम
वाक़िफ न हो सके हम
Dr fauzia Naseem shad
शिशुपाल वध
शिशुपाल वध
SHAILESH MOHAN
तुम अभी आना नहीं।
तुम अभी आना नहीं।
Taj Mohammad
संघर्षों की एक कथाः लोककवि रामचरन गुप्त +इंजीनियर अशोक कुमार गुप्त [ पुत्र ]
संघर्षों की एक कथाः लोककवि रामचरन गुप्त +इंजीनियर अशोक कुमार गुप्त [ पुत्र ]
कवि रमेशराज
किभी भी, किसी भी रूप में, किसी भी वजह से,
किभी भी, किसी भी रूप में, किसी भी वजह से,
शोभा कुमारी
💐प्रेम कौतुक-327💐
💐प्रेम कौतुक-327💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Loading...