Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Mar 2020 · 1 min read

चमचागिरी होती रही

थी पुलिस थाने में पर….गुण्डागिरी होती रही
मात्र आश्वासन मिला…..नेतागिरी होती रही

दारुलशफा के सामने ही….वो तड़पकर मर गयी
छुप के घर के कोने में ही…वैद्यगी होती रही

जब गया करने शिकायत….कुर्सियाँ खाली मिलीं
कागजों पर साहबों की….नौकरी होती रही

बेरोजगारी,भूख,मँहगाई….बनी सुरसा मगर
सब ठीक है,सब ठीक है….चमचागिरी होती रही

मार्च,धरना,जुलूस में….नारे लगे ज्ञापन दिए
अखबार में छपने को बस…गाँधीगिरी होती रही

भाषण विकास के हो रहे…देखिए हर मंच पर
दुनिया भर में देश की पर….किरकिरी होती रही

माफियाओं,गुण्डों का….बहुमत हुआ जब सदन में
माँ भारती के जिस्म में….इक झुरझुरी होती रही

चुप भला कैसे रहे मेरी ग़ज़ल …हालात पर
सच कहा ‘संजय’ ने जब भी मुखबिरी होती रही

1 Like · 1 Comment · 206 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ज़िंदगी इतनी मुश्किल भी नहीं
ज़िंदगी इतनी मुश्किल भी नहीं
Dheerja Sharma
व्यावहारिक सत्य
व्यावहारिक सत्य
Shyam Sundar Subramanian
If you have believe in you and faith in the divine power .yo
If you have believe in you and faith in the divine power .yo
Nupur Pathak
*गैरों से तो संबंध जुड़ा, अपनों से पर टूट गया (हिंदी गजल)*
*गैरों से तो संबंध जुड़ा, अपनों से पर टूट गया (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
वेदना की संवेदना
वेदना की संवेदना
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
आजादी विचारों से होनी चाहिये
आजादी विचारों से होनी चाहिये
Radhakishan R. Mundhra
सुख-साधन से इतर मुझे तुम दोगे क्या?
सुख-साधन से इतर मुझे तुम दोगे क्या?
Shweta Soni
खुले आँगन की खुशबू
खुले आँगन की खुशबू
Manisha Manjari
मुख  से  निकली पहली भाषा हिन्दी है।
मुख से निकली पहली भाषा हिन्दी है।
सत्य कुमार प्रेमी
पत्थर दिल समझा नहीं,
पत्थर दिल समझा नहीं,
sushil sarna
2805. *पूर्णिका*
2805. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बुंदेली दोहा गरे गौ (भाग-2)
बुंदेली दोहा गरे गौ (भाग-2)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
पढ़ाई
पढ़ाई
Kanchan Alok Malu
घणो ललचावे मन थारो,मारी तितरड़ी(हाड़ौती भाषा)/राजस्थानी)
घणो ललचावे मन थारो,मारी तितरड़ी(हाड़ौती भाषा)/राजस्थानी)
gurudeenverma198
ना जाने क्यों...?
ना जाने क्यों...?
भवेश
Yash Mehra
Yash Mehra
Yash mehra
"सबसे बढ़कर"
Dr. Kishan tandon kranti
We make Challenges easy and
We make Challenges easy and
Bhupendra Rawat
क़भी क़भी इंसान अपने अतीत से बाहर आ जाता है
क़भी क़भी इंसान अपने अतीत से बाहर आ जाता है
ruby kumari
मां बताती हैं ...मेरे पिता!
मां बताती हैं ...मेरे पिता!
Manu Vashistha
जख्म भी रूठ गया है अबतो
जख्म भी रूठ गया है अबतो
सिद्धार्थ गोरखपुरी
मईया का ध्यान लगा
मईया का ध्यान लगा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
सुबह की पहल तुमसे ही
सुबह की पहल तुमसे ही
Rachana Jha
रोकोगे जो तुम...
रोकोगे जो तुम...
डॉ.सीमा अग्रवाल
Being quiet not always shows you're wise but sometimes it sh
Being quiet not always shows you're wise but sometimes it sh
Sukoon
ये रंगो सा घुल मिल जाना,वो खुशियों भरा इजहार कर जाना ,फिजाओं
ये रंगो सा घुल मिल जाना,वो खुशियों भरा इजहार कर जाना ,फिजाओं
Shashi kala vyas
सरहद
सरहद
लक्ष्मी सिंह
#महसूस_करें...
#महसूस_करें...
*Author प्रणय प्रभात*
फूल
फूल
Punam Pande
तुमसे बेहद प्यार करता हूँ
तुमसे बेहद प्यार करता हूँ
हिमांशु Kulshrestha
Loading...