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9 Oct 2020 · 1 min read

चन्द्रमा का देखिए

• गीतिका •
*
चन्द्रमा का देखिए तो गोल है आकार।
चांदनी का खूब है इसमें भरा भंडार।

हर तरह से खूबसूरत बन गई है रात।
दूर तक है रौशनी बिखरी क्षितिज के पार।

साथ रहती है सितारों की चपल बारात।
टिमटिमाते नित्य सब हैं रात में हर बार।

खूब हैं हमको लुभाते चांदनी के दृश्य।
देख जिनको हर हृदय में उमड़ता है प्यार।

रौशनी से ही हमेशा तम हुआ है नष्ट।
और हो जाते सभी के स्वप्न शुभ साकार।

चांदनी फैली दिशाओं में लिए आलोक।
चांद का है भव्य नैसर्गिक यही उपहार।
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
-सुरेन्द्रपाल वैद्य, ०९/१०/२०२०

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