Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Dec 2016 · 1 min read

चटर-पटर

__लघुकथा__
चटर-पटर

*अनिल शूर आज़ाद

पहले पूजनीय मां और अब..पापा का अस्पताल में दुखद निधन! मात्र सत्रह माह की अल्पअवधि में परिवार में हुए इन ‘दो बड़े हादसों’ ने उसकी आत्मा, उसके आत्मबल और उसके समूचे वजूद को..जैसे निचोड़ डाला था।

बाहर गोधूलि का समय हो चला था..इधर पापा के कमरे में बड़ी देर से वह अकेले, विचारों में खोया हुआ बैठा था..
आज वह शिद्दत से अनुभव कर रहा था कि ‘मां की आकस्मिक मौत ने’ पापा को कितना अकेला कर दिया था। यों..घर में सब पापा से अत्यंत लगाव रखते एवं सम्मान करते थे..पर अपने अपने कामों में सब ‘ज्यादा ही व्यस्त’ भी थे..ऐसे कितने ही अवसर आज उसे याद आ रहे थे जिनमे वह अपने पापा के पास हो सकता था, पर हुआ नही था..आज वह कुछ पल उनके श्रीचरणों में बैठकर गुजारने के लिए, तड़प रहा था, पर अब..वो नही रहे थे!

एकाएक अपने कान के पास मच्छर की गूंज सुनकर उसकी तन्द्रा टूटी..खिड़की की जाली खुली रह जाने के कारण, बहुत से मच्छर अंदर आ गए थे।
उसने पास रखा इलेक्ट्रिक रैकेट उठाया और पापा के कमरे में घुस आये एक एक मच्छर को मारने लगा.. सूने-अंधेरे-एकाकी..उस कमरे में, अब बस रह रहकर यही आवाजें उभर रही थी..

चटर-पटर..,चटर-पटर..

(रचना-तिथि 9. 2.16)

Language: Hindi
243 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अक्सर लोगों को बड़ी तेजी से आगे बढ़ते देखा है मगर समय और किस्म
अक्सर लोगों को बड़ी तेजी से आगे बढ़ते देखा है मगर समय और किस्म
Radhakishan R. Mundhra
हरदा अग्नि कांड
हरदा अग्नि कांड
GOVIND UIKEY
किसी की लाचारी पर,
किसी की लाचारी पर,
Dr. Man Mohan Krishna
माँ स्कंदमाता की कृपा,
माँ स्कंदमाता की कृपा,
Neelam Sharma
वही पर्याप्त है
वही पर्याप्त है
Satish Srijan
जख्म भरता है इसी बहाने से
जख्म भरता है इसी बहाने से
Anil Mishra Prahari
(16) आज़ादी पर
(16) आज़ादी पर
Kishore Nigam
उस गुरु के प्रति ही श्रद्धानत होना चाहिए जो अंधकार से लड़ना सिखाता है
उस गुरु के प्रति ही श्रद्धानत होना चाहिए जो अंधकार से लड़ना सिखाता है
कवि रमेशराज
जय श्रीराम हो-जय श्रीराम हो।
जय श्रीराम हो-जय श्रीराम हो।
manjula chauhan
■ याद रहे...
■ याद रहे...
*Author प्रणय प्रभात*
सकारात्मक पुष्टि
सकारात्मक पुष्टि
पूर्वार्थ
*साठ साल के हुए बेचारे पतिदेव (हास्य व्यंग्य)*
*साठ साल के हुए बेचारे पतिदेव (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
चंद अशआर -ग़ज़ल
चंद अशआर -ग़ज़ल
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
💐प्रेम कौतुक-202💐
💐प्रेम कौतुक-202💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
चेहरे की पहचान ही व्यक्ति के लिये मायने रखती है
चेहरे की पहचान ही व्यक्ति के लिये मायने रखती है
शेखर सिंह
समझा दिया
समझा दिया
sushil sarna
प्यारा भारत देश हमारा
प्यारा भारत देश हमारा
Dr. Pradeep Kumar Sharma
आदरणीय क्या आप ?
आदरणीय क्या आप ?
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
मां भारती से कल्याण
मां भारती से कल्याण
Sandeep Pande
आंसू
आंसू
नूरफातिमा खातून नूरी
चलो अब बुद्ध धाम दिखाए ।
चलो अब बुद्ध धाम दिखाए ।
Buddha Prakash
ये नफरत बुरी है ,न पालो इसे,
ये नफरत बुरी है ,न पालो इसे,
Ranjeet kumar patre
"ये कैसा जमाना"
Dr. Kishan tandon kranti
सीखने की, ललक है, अगर आपमें,
सीखने की, ललक है, अगर आपमें,
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
एक होस्टल कैंटीन में रोज़-रोज़
एक होस्टल कैंटीन में रोज़-रोज़
Rituraj shivem verma
बारिश की बूंदों ने।
बारिश की बूंदों ने।
Taj Mohammad
नाम हमने लिखा था आंखों में
नाम हमने लिखा था आंखों में
Surinder blackpen
ओढ़कर कर दिल्ली की चादर,
ओढ़कर कर दिल्ली की चादर,
Smriti Singh
23/154.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/154.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जय जय हिन्दी
जय जय हिन्दी
gurudeenverma198
Loading...