Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Aug 2017 · 1 min read

*** चंद शेर ***

कशमकश दिल में
जुबां पे तुम्हारा नाम आया
भरी महफ़िल में
फिर से गुमनाम पैगाम आया ।।

मेरी धड़कने
क्यूं पूछती है तेरे दिल से

तेरे दिल से
मेरे दिल को पैगाम आया है।

जाम लगाया उनके नाम
तो ये कोहराम छाया है
ना जाने महफ़िल में
कौन पैगाम बेनाम आया है ।।

गुल ए गुलशन
में गुलफ़ाम आया है
महफ़िल में कौन
सरे आम आया है ।।

?मधुप बैरागी

Language: Hindi
Tag: शेर
1 Like · 317 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from भूरचन्द जयपाल
View all
You may also like:
कुत्ते
कुत्ते
Dr MusafiR BaithA
हमारे प्यारे दादा दादी
हमारे प्यारे दादा दादी
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
काश
काश
लक्ष्मी सिंह
मत याद करो बीते पल को
मत याद करो बीते पल को
Surya Barman
मुझे छूकर मौत करीब से गुजरी है...
मुझे छूकर मौत करीब से गुजरी है...
राहुल रायकवार जज़्बाती
फूल मुरझाए के बाद दोबारा नई खिलय,
फूल मुरझाए के बाद दोबारा नई खिलय,
Krishna Kumar ANANT
दोहे- उदास
दोहे- उदास
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
*
*"देश की आत्मा है हिंदी"*
Shashi kala vyas
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
शायरी संग्रह नई पुरानी शायरियां विनीत सिंह शायर
शायरी संग्रह नई पुरानी शायरियां विनीत सिंह शायर
Vinit kumar
शक्तिशालिनी
शक्तिशालिनी
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
तारे दिन में भी चमकते है।
तारे दिन में भी चमकते है।
Rj Anand Prajapati
💐प्रेम कौतुक-423💐
💐प्रेम कौतुक-423💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
24/245. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/245. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Life through the window during lockdown
Life through the window during lockdown
ASHISH KUMAR SINGH
सैनिक के संग पूत भी हूँ !
सैनिक के संग पूत भी हूँ !
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
तुझे स्पर्श न कर पाई
तुझे स्पर्श न कर पाई
Dr fauzia Naseem shad
रक्त से सीचा मातृभूमि उर,देकर अपनी जान।
रक्त से सीचा मातृभूमि उर,देकर अपनी जान।
Neelam Sharma
चार दिन गायब होकर देख लीजिए,
चार दिन गायब होकर देख लीजिए,
पूर्वार्थ
सच का सच
सच का सच
डॉ० रोहित कौशिक
You know ,
You know ,
Sakshi Tripathi
कोई तो कोहरा हटा दे मेरे रास्ते का,
कोई तो कोहरा हटा दे मेरे रास्ते का,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
एहसास
एहसास
Er.Navaneet R Shandily
तिलक-विआह के तेलउँस खाना
तिलक-विआह के तेलउँस खाना
आकाश महेशपुरी
पिछले पन्ने भाग 2
पिछले पन्ने भाग 2
Paras Nath Jha
निगाहों में छुपा लेंगे तू चेहरा तो दिखा जाना ।
निगाहों में छुपा लेंगे तू चेहरा तो दिखा जाना ।
Phool gufran
आजकल का प्राणी कितना विचित्र है,
आजकल का प्राणी कितना विचित्र है,
Divya kumari
दिल से करो पुकार
दिल से करो पुकार
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
*मिलता सोफे का बड़ा, उसको केवल पास (कुंडलिया)*
*मिलता सोफे का बड़ा, उसको केवल पास (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मोनू बंदर का बदला
मोनू बंदर का बदला
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Loading...