Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Jul 2017 · 1 min read

चंद शेर…..अर्ज हैं

टूटा साख से पत्ते करते हैं,हम तो स्वयं एक पेड हैं भैया।
सागर की तरह छाती पर,औरों की तैराया करते हैं नैया।।
?????
यहाँ हर समस्या का समाधान होता है।
कुछ पल का ही बस व्यवधान होता है।
विपत्तियां वो शिक्षा देती हैं दोस्त”प्रीतम”,
जिसमें हर महाविद्यालय नाकाम होता है।
?????
कभी हमसफर रूठे तो मना लीजिए।
मधुर मुस्कान से दिल में पनाह दीजिए।
त्याग और विश्वास से ही रिश्ते बनते हैं,
भूल से भी इन्हें न कभी भूला कीजिए।
?????
हर काली रात के बाद सुबह होती है।
हर गम की घटा बरस हरियाली बोती है।
जिन्दगी में उम्मीद की लौ जलाए रखना,
फूल से फल की संज्ञा सपने संजोती है।
?????
बेवफाई भी किसी की बहुत कुछ सिखाती है।
धूप से क्या प्यार छाँव देख ये भाग जाती है।
जिंदगी में हर चीज का अपना महत्त्व है,दोस्त!
समझे उसके लिए बेवफाई भी सीख बन जाती है।
?????
राधेयश्याम बंगालिया”प्रीतम”

Language: Hindi
Tag: शेर
261 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from आर.एस. 'प्रीतम'
View all
You may also like:
चाय का निमंत्रण
चाय का निमंत्रण
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
मुझे जीना सिखा कर ये जिंदगी
मुझे जीना सिखा कर ये जिंदगी
कृष्णकांत गुर्जर
बचपन का प्यार
बचपन का प्यार
Dr. Pradeep Kumar Sharma
यौवन रुत में नैन जब, करें वार पर  वार ।
यौवन रुत में नैन जब, करें वार पर वार ।
sushil sarna
हर इक सैलाब से खुद को बचाकर
हर इक सैलाब से खुद को बचाकर
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
కృష్ణా కృష్ణా నీవే సర్వము
కృష్ణా కృష్ణా నీవే సర్వము
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
किया है यूँ तो ज़माने ने एहतिराज़ बहुत
किया है यूँ तो ज़माने ने एहतिराज़ बहुत
Sarfaraz Ahmed Aasee
ঐটা সত্য
ঐটা সত্য
Otteri Selvakumar
2875.*पूर्णिका*
2875.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Try to find .....
Try to find .....
पूर्वार्थ
मुझमें एक जन सेवक है,
मुझमें एक जन सेवक है,
Punam Pande
इससे सुंदर कोई नही लिख सकता 👌👌 मन की बात 👍बहुत सुंदर लिखा है
इससे सुंदर कोई नही लिख सकता 👌👌 मन की बात 👍बहुत सुंदर लिखा है
Rachna Mishra
रात
रात
SHAMA PARVEEN
पहाड़ी नदी सी
पहाड़ी नदी सी
Dr.Priya Soni Khare
*भाषण देना काम (हास्य कुंडलिया)*
*भाषण देना काम (हास्य कुंडलिया)*
Ravi Prakash
कविता-मरते किसान नहीं, मर रही हमारी आत्मा है।
कविता-मरते किसान नहीं, मर रही हमारी आत्मा है।
Shyam Pandey
*हम नदी के दो किनारे*
*हम नदी के दो किनारे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
सच अति महत्वपूर्ण यह,
सच अति महत्वपूर्ण यह,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
संसार के सब रसों में
संसार के सब रसों में
*Author प्रणय प्रभात*
कविता -
कविता - "सर्दी की रातें"
Anand Sharma
चली गई है क्यों अंजू , तू पाकिस्तान
चली गई है क्यों अंजू , तू पाकिस्तान
gurudeenverma198
नारी की स्वतंत्रता
नारी की स्वतंत्रता
SURYA PRAKASH SHARMA
अगर तूँ यूँहीं बस डरती रहेगी
अगर तूँ यूँहीं बस डरती रहेगी
सिद्धार्थ गोरखपुरी
Mai deewana ho hi gya
Mai deewana ho hi gya
Swami Ganganiya
"फ़ानी दुनिया"
Dr. Kishan tandon kranti
मिसाल उन्हीं की बनती है,
मिसाल उन्हीं की बनती है,
Dr. Man Mohan Krishna
"चालाक आदमी की दास्तान"
Pushpraj Anant
आजमाइश
आजमाइश
Suraj Mehra
जिंदा है हम
जिंदा है हम
Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे
प्रेम निवेश है ❤️
प्रेम निवेश है ❤️
Rohit yadav
Loading...