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27 May 2018 · 1 min read

घड़ी

टिक टिक टिक टिक टिक टिक करती
घड़ी न इक पल को भी रुकती

होती सुई बड़ी और छोटी
इक पतली इक होती मोटी
एक तेज़ इक धीरे चलती
घड़ी न इक पल को भी रुकती

सेकंडों से मिनट बनाते
मिनट सिमट घण्टों में जाते
बारह तक की गिनती पढ़ती
घड़ी न इक पल को भी रुकती

कभी अलार्म लगाकर सोते
मीठी नींद ले रहे होते
तब घण्टी कानों को चुभती
घड़ी न इक पल को भी रुकती

टिक टिक टिक टिक टिक टिक करती
घड़ी न इक पल को भी रुकती

27-05-2018
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद

Language: Hindi
305 Views
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