Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 May 2021 · 1 min read

घुट रही है सांस पल -पल

छंद-मनोरम (मात्रिक,मापनीयुक्त)
२१२२ २१२२
घुट रही है सांस पल -पल ।
दिख रहा नहिं कोई’ निश्छल।(१)

हर जगह मेला लगा है,
मिल रहा ना शुद्ध भी जल।(२)

प्राण वायू की कमी है,
हम हुए हैं हर पल विफल।(३)

भूख से हैं प्राण निकले,
अश्रुपूरित हैं सभी तल।(४)

खुश्क आंखें नम्र पलकें,
क्षुब्ध है नदिया की’ कल-कल।(५)

शाख पर उल्लू है’ बैठा,
चल रहा है चाल अरु छल।(६)

राज्य की आंखें मुॅदीं हैं,
हो रहा हर काम निष्फल।(७)

वेदना है आज दिल में,
हम कहें किससे अब अटल।(८)
?अटल मुरादाबादी ?

3 Likes · 279 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
शायद शब्दों में भी
शायद शब्दों में भी
Dr Manju Saini
जो हमने पूछा कि...
जो हमने पूछा कि...
Anis Shah
"रहबर"
Dr. Kishan tandon kranti
*जलते हुए विचार* ( 16 of 25 )
*जलते हुए विचार* ( 16 of 25 )
Kshma Urmila
सुंदरता विचारों में सफर करती है,
सुंदरता विचारों में सफर करती है,
सिद्धार्थ गोरखपुरी
love or romamce is all about now  a days is only physical in
love or romamce is all about now a days is only physical in
पूर्वार्थ
आपदा से सहमा आदमी
आपदा से सहमा आदमी
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
66
66
*Author प्रणय प्रभात*
सच और झूँठ
सच और झूँठ
विजय कुमार अग्रवाल
आत्मज्ञान
आत्मज्ञान
Shyam Sundar Subramanian
ज्यों ही धरती हो जाती है माता
ज्यों ही धरती हो जाती है माता
ruby kumari
रात निकली चांदनी संग,
रात निकली चांदनी संग,
manjula chauhan
रंगों का त्यौहार है, उड़ने लगा अबीर
रंगों का त्यौहार है, उड़ने लगा अबीर
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
सिर्फ दरवाजे पे शुभ लाभ,
सिर्फ दरवाजे पे शुभ लाभ,
नेताम आर सी
#dr Arun Kumar shastri
#dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कभी एक तलाश मेरी खुद को पाने की।
कभी एक तलाश मेरी खुद को पाने की।
Manisha Manjari
हमारी सम्पूर्ण ज़िंदगी एक संघर्ष होती है, जिसमे क़दम-क़दम पर
हमारी सम्पूर्ण ज़िंदगी एक संघर्ष होती है, जिसमे क़दम-क़दम पर
SPK Sachin Lodhi
*शिव शक्ति*
*शिव शक्ति*
Shashi kala vyas
"सुप्रभात"
Yogendra Chaturwedi
कीमत बढ़ा दी आपकी, गुनाह हुआ आँखों से ll
कीमत बढ़ा दी आपकी, गुनाह हुआ आँखों से ll
गुप्तरत्न
*ज्ञान मंदिर पुस्तकालय*
*ज्ञान मंदिर पुस्तकालय*
Ravi Prakash
गजल
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
इंसान बनने के लिए
इंसान बनने के लिए
Mamta Singh Devaa
सौदागर हूँ
सौदागर हूँ
Satish Srijan
कबीरपंथ से कबीर ही गायब / मुसाफ़िर बैठा
कबीरपंथ से कबीर ही गायब / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
कृतज्ञ बनें
कृतज्ञ बनें
Sanjay ' शून्य'
दो शब्द ढूँढ रहा था शायरी के लिए,
दो शब्द ढूँढ रहा था शायरी के लिए,
Shashi Dhar Kumar
दिल तमन्ना
दिल तमन्ना
Dr fauzia Naseem shad
बाढ़ का आतंक
बाढ़ का आतंक
surenderpal vaidya
भरी रंग से जिंदगी, कह होली त्योहार।
भरी रंग से जिंदगी, कह होली त्योहार।
Suryakant Dwivedi
Loading...