Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Mar 2021 · 1 min read

घुटन

घड़ी की दो सुइयाँ,
बड़ी-छोटी,
दिन रात एक बंद आयाम और आवृति में घूमती ,
निरंतर चलती कुछ न कहती
नियति ने गढ़ रखी हो जैसे चाल ही इनके लिए ,
ख़ामोश निशब्द,
एक घुटन को साथ लिए,
वक़्त के बदलने से भी स्थिर,
एक ही कार्य के लिए प्रयासरत,
बाहर क्या होता है,
इससे अनजान ,
अपनी घुटन के साथ घुटती,
चुप बिल्कुल चुप,
बस चलती जाती….

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 432 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
साधना
साधना
Vandna Thakur
Aaj samna khud se kuch yun hua aankho m aanshu thy aaina ru-
Aaj samna khud se kuch yun hua aankho m aanshu thy aaina ru-
Sangeeta Sangeeta
💐प्रेम कौतुक-463💐
💐प्रेम कौतुक-463💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
भगतसिंह के ख़्वाब
भगतसिंह के ख़्वाब
Shekhar Chandra Mitra
... और मैं भाग गया
... और मैं भाग गया
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
(मुक्तक) जऱ-जमीं धन किसी को तुम्हारा मिले।
(मुक्तक) जऱ-जमीं धन किसी को तुम्हारा मिले।
सत्य कुमार प्रेमी
ये जो मेरी आँखों में
ये जो मेरी आँखों में
हिमांशु Kulshrestha
“हिचकी
“हिचकी " शब्द यादगार बनकर रह गए हैं ,
Manju sagar
लोग महापुरुषों एवम् बड़ी हस्तियों के छोटे से विचार को भी काफ
लोग महापुरुषों एवम् बड़ी हस्तियों के छोटे से विचार को भी काफ
Rj Anand Prajapati
(5) नैसर्गिक अभीप्सा --( बाँध लो फिर कुन्तलों में आज मेरी सूक्ष्म सत्ता )
(5) नैसर्गिक अभीप्सा --( बाँध लो फिर कुन्तलों में आज मेरी सूक्ष्म सत्ता )
Kishore Nigam
सुरक्षित भविष्य
सुरक्षित भविष्य
Dr. Pradeep Kumar Sharma
एक अबोध बालक डॉ अरुण कुमार शास्त्री
एक अबोध बालक डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मैं आग नही फिर भी चिंगारी का आगाज हूं,
मैं आग नही फिर भी चिंगारी का आगाज हूं,
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
वो हमसे पराये हो गये
वो हमसे पराये हो गये
Dr. Man Mohan Krishna
Li Be B
Li Be B
Ankita Patel
पिता के पदचिह्न (कविता)
पिता के पदचिह्न (कविता)
दुष्यन्त 'बाबा'
* ग़ज़ल * ( ताजमहल बनाते रहना )
* ग़ज़ल * ( ताजमहल बनाते रहना )
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
अर्धांगिनी
अर्धांगिनी
Buddha Prakash
भावक की नीयत भी किसी रचना को छोटी बड़ी तो करती ही है, कविता
भावक की नीयत भी किसी रचना को छोटी बड़ी तो करती ही है, कविता
Dr MusafiR BaithA
इन रास्तों को मंजूर था ये सफर मेरा
इन रास्तों को मंजूर था ये सफर मेरा
'अशांत' शेखर
पाहन भी भगवान
पाहन भी भगवान
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
हरे कृष्णा !
हरे कृष्णा !
MUSKAAN YADAV
#क़तआ_मुक्तक
#क़तआ_मुक्तक
*Author प्रणय प्रभात*
Bundeli Doha - birra
Bundeli Doha - birra
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
2500.पूर्णिका
2500.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
हम सब में एक बात है
हम सब में एक बात है
Yash mehra
ग़ज़ल/नज़्म - मैं बस काश! काश! करते-करते रह गया
ग़ज़ल/नज़्म - मैं बस काश! काश! करते-करते रह गया
अनिल कुमार
रंगों के पावन पर्व होली की हार्दिक बधाई व अनन्त शुभकामनाएं
रंगों के पावन पर्व होली की हार्दिक बधाई व अनन्त शुभकामनाएं
अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि
फ़रियाद
फ़रियाद
VINOD CHAUHAN
*मेरा विश्वास*
*मेरा विश्वास*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
Loading...