Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Mar 2017 · 1 min read

घुटने टेके नर, कुत्ती से हीन दिख रहा

(मुक्त छंद)

चर्म रोग में चाटता, कुत्ता अपनी खाल।
मानव निज तन कर रहा, खुजा खुजा कर लाल।।
खुजा खुजा कर लाल, हारकर वैद्य बुलाता।
कुक्कुर बिना दवा के चंगा, रोब दिखाता।।
कह “नायक” कविराय, श्वान स्वाधीन दिख रहा।
घुटने टेके नर, कुत्ती से हीन दिख रहा।।
—————————————————
*उक्त मुक्त छंद को “जागा हिंदुस्तान चाहिए” काव्य संग्रह के द्वितीय संस्करण के अनुसार परिष्कृत किया गया है। पृष्ठ संख्या ८२
*”जागा हिंदुस्तान चाहिए” काव्य संग्रह का द्वितीय संस्करण अमेजन और फ्लिपकार्ट पर उपलब्ध है।

पं बृजेश कुमार नायक

Language: Hindi
861 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Pt. Brajesh Kumar Nayak
View all
You may also like:
आदमी की गाथा
आदमी की गाथा
कृष्ण मलिक अम्बाला
चलो
चलो
हिमांशु Kulshrestha
तेरा यूं मुकर जाना
तेरा यूं मुकर जाना
AJAY AMITABH SUMAN
23/11.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
23/11.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
★HAPPY FATHER'S DAY ★
★HAPPY FATHER'S DAY ★
★ IPS KAMAL THAKUR ★
घंटा हिलाने वाली कौमें
घंटा हिलाने वाली कौमें
Shekhar Chandra Mitra
#हिंदी-
#हिंदी-
*Author प्रणय प्रभात*
दर्शन की ललक
दर्शन की ललक
Neelam Sharma
इमारत बड़ी थी वो
इमारत बड़ी थी वो
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
छोड़ऽ बिहार में शिक्षक बने के सपना।
छोड़ऽ बिहार में शिक्षक बने के सपना।
जय लगन कुमार हैप्पी
!...............!
!...............!
शेखर सिंह
"दबंग झूठ"
Dr. Kishan tandon kranti
रमेशराज की बच्चा विषयक मुक्तछंद कविताएँ
रमेशराज की बच्चा विषयक मुक्तछंद कविताएँ
कवि रमेशराज
दया करो भगवान
दया करो भगवान
Buddha Prakash
जूते और लोग..,
जूते और लोग..,
Vishal babu (vishu)
जिसके लिए कसीदे गढ़ें
जिसके लिए कसीदे गढ़ें
DrLakshman Jha Parimal
चुगलखोरी एक मानसिक संक्रामक रोग है।
चुगलखोरी एक मानसिक संक्रामक रोग है।
विमला महरिया मौज
*हमारे ठाठ मत पूछो, पराँठे घर में खाते हैं (मुक्तक)*
*हमारे ठाठ मत पूछो, पराँठे घर में खाते हैं (मुक्तक)*
Ravi Prakash
दशावतार
दशावतार
Shashi kala vyas
इतना ही बस रूठिए , मना सके जो कोय ।
इतना ही बस रूठिए , मना सके जो कोय ।
Manju sagar
Dard-e-madhushala
Dard-e-madhushala
Tushar Jagawat
" मुझे सहने दो "
Aarti sirsat
हिन्दू और तुर्क दोनों को, सीधे शब्दों में चेताया
हिन्दू और तुर्क दोनों को, सीधे शब्दों में चेताया
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
बेचारा जमीर ( रूह की मौत )
बेचारा जमीर ( रूह की मौत )
ओनिका सेतिया 'अनु '
वाक़िफ नहीं है कोई
वाक़िफ नहीं है कोई
Dr fauzia Naseem shad
कोई ऐसा बोलता है की दिल में उतर जाता है
कोई ऐसा बोलता है की दिल में उतर जाता है
कवि दीपक बवेजा
एक टऽ खरहा एक टऽ मूस
एक टऽ खरहा एक टऽ मूस
डॉ. श्री रमण 'श्रीपद्'
यह कौनसा आया अब नया दौर है
यह कौनसा आया अब नया दौर है
gurudeenverma198
प्रत्याशी को जाँचकर , देना  अपना  वोट
प्रत्याशी को जाँचकर , देना अपना वोट
Dr Archana Gupta
भूले से हमने उनसे
भूले से हमने उनसे
Sunil Suman
Loading...