Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Apr 2020 · 2 min read

घर की अर्थव्यस्थता को मजबूत करने मे हमारी सहभागीता।

“नारी, तू इस दुनिया में
नया सवेरा लाएगी।
जब आर्थिक संकटों में भी तू
दुर्गा बनकर जीत जाएगी।”

किसी भी समय और किसी भी परिस्थिति में परिवार, समाज एवं देश में महिलाओं के योगदान को कम नहीं आंका जा सकता,हर युग में महिलाओं ने समाज को एक नई दिशा प्रदान की है।विशेषज्ञों का मानना है की कोरोना महामारी के प्रभाव की वजह से स्वास्थ्य तथा अर्थव्यवस्था में बड़ी हानि हो रही है।सुसंपन्न ,परिपक्व अर्थव्यवस्था को बनाए रखने में नारी बहुत बड़ी जिम्मेदारी उठा रही है।

१) हमारी बच्चत ही हमारी कमाई है। हमें खर्चों को समझकर अनावश्यक खर्चों को हटाना चाहिए । हमारे जमा पूंजी का प्रयोग सही रूप में करें तो यह नीति हमारे भविष्य के लिए कुशल एवं उपयोगी साबित हो सकती हैं।

२) स्वास्थ्य का ध्यान रखने हेतु हम घर से बाहर निकलना बहुत कम कर रहे हैं ,इस वजह से हम नैसर्गिक संसाधन पेट्रोल,डीजल का अतिरिक्त खर्चा बचा रहे हैं।

३) बच्चों को ट्यूशन कोचिंग से वंचित रख कर उन्हें घर पर ही पढ़ा कर हम घर की जिम्मेदारियों के साथ अर्थव्यवस्था सबल बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

४) इस समय के दौरान हम हमारी कला और कुशलता के माध्यम से सिलाई, पापड़ उद्योग, ब्यूटी पार्लर, ऑनलाइन ट्रेनिंग, तथा लघुउद्योग के माध्यम से माँ लक्ष्मी का रूप प्राप्त कर रहे हैं। और साथ ही अपने कमाई के कुछ हिस्सों से आपातकालीन कोष बनाने की कोशिश कर रहे है। जो हमारी भविष्य में आनेवाली आर्थिक संकट में हमारे लिए वरदान होगा।

५) सरकार के आदेश अनुसार घर पर ही रह कर उपलब्ध सामग्री में अलग-अलग व्यंजन बनाकर रसोई में अन्नपूर्णा का रूप भी बन रहे हैं। तथा रसोई में अपने परिवार के साथ कुछ विद्यार्थियों के लिए टिफिन बनाकर हम बचत की संभावना को बेहतर बना रहे है।

“लक्ष्मी अन्नपूर्णा और हमारे
हौसलो का तू जोर है।
आज से नारी तेरे हाथों में
घर चलाने की डोर है।”

Language: Hindi
Tag: लेख
10 Likes · 9 Comments · 331 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Kanchan Alok Malu
View all
You may also like:
अपने आलोचकों को कभी भी नजरंदाज नहीं करें। वही तो है जो आपकी
अपने आलोचकों को कभी भी नजरंदाज नहीं करें। वही तो है जो आपकी
Paras Nath Jha
चाय बस चाय हैं कोई शराब थोड़ी है।
चाय बस चाय हैं कोई शराब थोड़ी है।
Vishal babu (vishu)
नदी जिस में कभी तुमने तुम्हारे हाथ धोएं थे
नदी जिस में कभी तुमने तुम्हारे हाथ धोएं थे
Johnny Ahmed 'क़ैस'
जागो बहन जगा दे देश 🙏
जागो बहन जगा दे देश 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
फन कुचलने का हुनर भी सीखिए जनाब...!
फन कुचलने का हुनर भी सीखिए जनाब...!
Ranjeet kumar patre
जीभ का कमाल
जीभ का कमाल
विजय कुमार अग्रवाल
वैसे अपने अपने विचार है
वैसे अपने अपने विचार है
शेखर सिंह
* straight words *
* straight words *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"प्रत्युत्तर"
*Author प्रणय प्रभात*
अपना मन
अपना मन
Harish Chandra Pande
3216.*पूर्णिका*
3216.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
डिग्रियां तो मात्र आपके शैक्षिक खर्चों की रसीद मात्र हैं ,
डिग्रियां तो मात्र आपके शैक्षिक खर्चों की रसीद मात्र हैं ,
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
"अजातशत्रु"
Dr. Kishan tandon kranti
Maybe the reason I'm no longer interested in being in love i
Maybe the reason I'm no longer interested in being in love i
पूर्वार्थ
हिन्दी दोहे- इतिहास
हिन्दी दोहे- इतिहास
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
कौन नहीं है...?
कौन नहीं है...?
Srishty Bansal
💐प्रेम कौतुक-224💐
💐प्रेम कौतुक-224💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
इंसानो की इस भीड़ में
इंसानो की इस भीड़ में
Dr fauzia Naseem shad
*आ गया मौसम वसंती, फागुनी मधुमास है (गीत)*
*आ गया मौसम वसंती, फागुनी मधुमास है (गीत)*
Ravi Prakash
*हम तो हम भी ना बन सके*
*हम तो हम भी ना बन सके*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
शायरी - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
शायरी - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
लतियाते रहिये
लतियाते रहिये
विजय कुमार नामदेव
हम कितने चैतन्य
हम कितने चैतन्य
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
बना एक दिन वैद्य का
बना एक दिन वैद्य का
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
आज का बदलता माहौल
आज का बदलता माहौल
Naresh Sagar
बेटी नहीं उपहार हैं खुशियों का संसार हैं
बेटी नहीं उपहार हैं खुशियों का संसार हैं
Shyamsingh Lodhi (Tejpuriya)
पारख पूर्ण प्रणेता
पारख पूर्ण प्रणेता
प्रेमदास वसु सुरेखा
तुम जीवो हजारों साल मेरी गुड़िया
तुम जीवो हजारों साल मेरी गुड़िया
gurudeenverma198
मेरी सोच मेरे तू l
मेरी सोच मेरे तू l
सेजल गोस्वामी
पहाड़ी नदी सी
पहाड़ी नदी सी
Dr.Priya Soni Khare
Loading...