Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Nov 2017 · 1 min read

घरी घरी देखें घड़ी

घरी घरी देखें घड़ी , कौन घड़ी वे आयें
घरी घरी पल – पल गिनें , घरी घरी अकुलाएँ

Language: Hindi
388 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अनचाहे अपराध व प्रायश्चित
अनचाहे अपराध व प्रायश्चित
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
जीवन  आगे बढ़  गया, पीछे रह गए संग ।
जीवन आगे बढ़ गया, पीछे रह गए संग ।
sushil sarna
■उलाहना■
■उलाहना■
*Author प्रणय प्रभात*
"जिंदगी"
नेताम आर सी
पहला प्यार - अधूरा खाब
पहला प्यार - अधूरा खाब
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
स्त्री यानी
स्त्री यानी
पूर्वार्थ
हेेे जो मेरे पास
हेेे जो मेरे पास
Swami Ganganiya
💐प्रेम कौतुक-349💐
💐प्रेम कौतुक-349💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
अपनी नज़र में खुद
अपनी नज़र में खुद
Dr fauzia Naseem shad
बावजूद टिमकती रोशनी, यूं ही नहीं अंधेरा करते हैं।
बावजूद टिमकती रोशनी, यूं ही नहीं अंधेरा करते हैं।
ओसमणी साहू 'ओश'
सीख लिया मैनै
सीख लिया मैनै
Seema gupta,Alwar
रंग तो प्रेम की परिभाषा है
रंग तो प्रेम की परिभाषा है
Dr. Man Mohan Krishna
भज ले भजन
भज ले भजन
Ghanshyam Poddar
आँखों के आंसू झूठे है, निश्छल हृदय से नहीं झरते है।
आँखों के आंसू झूठे है, निश्छल हृदय से नहीं झरते है।
Buddha Prakash
हिन्दी दोहा - दया
हिन्दी दोहा - दया
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
आए बगुला भगत जी, लड़ने लगे चुनाव( हास्य कुंडलिया)
आए बगुला भगत जी, लड़ने लगे चुनाव( हास्य कुंडलिया)
Ravi Prakash
विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय लम्बोदराय सकलाय जगद्धितायं।
विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय लम्बोदराय सकलाय जगद्धितायं।
Shashi Dhar Kumar
सफलता
सफलता
Paras Nath Jha
2617.पूर्णिका
2617.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
ज़ीस्त के तपते सहरा में देता जो शीतल छाया ।
ज़ीस्त के तपते सहरा में देता जो शीतल छाया ।
Neelam Sharma
होंगे ही जीवन में संघर्ष विध्वंसक...!!!!
होंगे ही जीवन में संघर्ष विध्वंसक...!!!!
Jyoti Khari
हार जाती मैं
हार जाती मैं
Yogi B
Gazal
Gazal
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
ग़ज़ल/नज़्म - मेरे महबूब के दीदार में बहार बहुत हैं
ग़ज़ल/नज़्म - मेरे महबूब के दीदार में बहार बहुत हैं
अनिल कुमार
विद्रोही प्रेम
विद्रोही प्रेम
Rashmi Ranjan
नहले पे दहला
नहले पे दहला
Dr. Pradeep Kumar Sharma
देश की हिन्दी
देश की हिन्दी
surenderpal vaidya
हाँ, मैं कवि हूँ
हाँ, मैं कवि हूँ
gurudeenverma198
लालची नेता बंटता समाज
लालची नेता बंटता समाज
विजय कुमार अग्रवाल
कुत्ते की व्यथा
कुत्ते की व्यथा
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
Loading...