Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Mar 2017 · 1 min read

कोई ज्यादा पीड़ित है तो कोई थोड़ा

(मुक्त छंद)

सफरचट्ट, मक्खीकट, पतली, कभी ऐंठ में मूँछ।
कभी- कभी लाचार दिखे जैसे कुत्ते की पूँछ ।।
ज्यों कुत्ते की पूँछ, मूँछ की हालत ऐसी ।
बिना मूछ वाली ने कर दी सब की ऐसी तैसी।।
कह “नायक” कविराय पसीना गलमुच्छों ने छोड़ा।
कोई ज्यादा पीड़ित है तो कोई थोड़ा ।।

बृजेश कुमार नायक
“जागा हिंदुस्तान चाहिए” एवं “क्रौंच सुऋषि आलोक” कृतियों के प्रणेता

उक्त मुक्त छंद ” दैनिक आज” समाचार पत्र कानपुर में दिंनांक-27मई 1999 को प्रकाशित हो चुका है |
1999में मैं उरई में रहता था |
बृजेश कुमार नायक

Language: Hindi
660 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Pt. Brajesh Kumar Nayak
View all
You may also like:
अगर नाम करने का वादा है ठाना,
अगर नाम करने का वादा है ठाना,
Satish Srijan
जिंदगी का सबूत
जिंदगी का सबूत
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
💐प्रेम कौतुक-236💐
💐प्रेम कौतुक-236💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
।। अछूत ।।
।। अछूत ।।
साहित्य गौरव
दो अक्टूबर
दो अक्टूबर
नूरफातिमा खातून नूरी
"निर्णय आपका"
Dr. Kishan tandon kranti
कुसुमित जग की डार...
कुसुमित जग की डार...
डॉ.सीमा अग्रवाल
सोने के पिंजरे से कहीं लाख़ बेहतर,
सोने के पिंजरे से कहीं लाख़ बेहतर,
Monika Verma
!! रे, मन !!
!! रे, मन !!
Chunnu Lal Gupta
पुष्पदल
पुष्पदल
sushil sarna
कविता
कविता
Shiva Awasthi
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
नशा इश्क़ का
नशा इश्क़ का
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
ईश्वर की कृपा दृष्टि व बड़े बुजुर्ग के आशीर्वाद स्वजनों की द
ईश्वर की कृपा दृष्टि व बड़े बुजुर्ग के आशीर्वाद स्वजनों की द
Shashi kala vyas
मुक्तक-
मुक्तक-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
*** आकांक्षा : आसमान की उड़ान..! ***
*** आकांक्षा : आसमान की उड़ान..! ***
VEDANTA PATEL
*वो जो दिल के पास है*
*वो जो दिल के पास है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
कसूर उनका नहीं मेरा ही था,
कसूर उनका नहीं मेरा ही था,
Vishal babu (vishu)
फितरत में वफा हो तो
फितरत में वफा हो तो
shabina. Naaz
मैं जब करीब रहता हूँ किसी के,
मैं जब करीब रहता हूँ किसी के,
Dr. Man Mohan Krishna
मन को जो भी जीत सकेंगे
मन को जो भी जीत सकेंगे
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
हक़ अदा इंसानियत का
हक़ अदा इंसानियत का
Dr fauzia Naseem shad
किताबे पढ़िए!!
किताबे पढ़िए!!
पूर्वार्थ
एक डरा हुआ शिक्षक एक रीढ़विहीन विद्यार्थी तैयार करता है, जो
एक डरा हुआ शिक्षक एक रीढ़विहीन विद्यार्थी तैयार करता है, जो
Ranjeet kumar patre
*हंगामा करने वाले, समझो बस शोर मचाते हैं (हिंदी गजल)*
*हंगामा करने वाले, समझो बस शोर मचाते हैं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
'आलम-ए-वजूद
'आलम-ए-वजूद
Shyam Sundar Subramanian
माफ़ कर दे कका
माफ़ कर दे कका
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
अलविदा कहने से पहले
अलविदा कहने से पहले
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
अज्ञानी की कलम
अज्ञानी की कलम
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
☝विशेष दिन : अनूठा_उपाय....
☝विशेष दिन : अनूठा_उपाय....
*Author प्रणय प्रभात*
Loading...