Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Nov 2018 · 1 min read

गज़ल

है ज़िन्दगी मेरी , मेरा जाँनिसार है वो
यादों में है मेरी दिल मे बरकरार है वो

हरेक अदा निराली है मोहब्बत में उनकी
हर दिल अजीज है मेरा राजदार है वो

सुनते है आशिको पे करता रहम है मौला
भरता है सब के कासे परवरदिगार है वो

कह दूँ में कैसे की उनसे मोहब्बत नही है
दिन का सुकूँ मेरे रातों का करार है वो

बस इक वही जमाने मे मुझे सबसे प्यारा
दिल की खुशी मेरे मेरा गमगुसार है वो

था उम्र भर जमाने की ठोकरों में ही मैं
हूँ अब तलक सलामत मेरा मेयार है वो
( लक्ष्मण दावानी ✍ )
16/8/2017

1 Like · 254 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हर नदी अपनी राह खुद ब खुद बनाती है ।
हर नदी अपनी राह खुद ब खुद बनाती है ।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
फर्श पर हम चलते हैं
फर्श पर हम चलते हैं
Neeraj Agarwal
पुनर्वास
पुनर्वास
Dr. Pradeep Kumar Sharma
💐प्रेम कौतुक-332💐
💐प्रेम कौतुक-332💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
"अहसास"
Dr. Kishan tandon kranti
*हो न लोकतंत्र की हार*
*हो न लोकतंत्र की हार*
Poonam Matia
जीवन कभी गति सा,कभी थमा सा...
जीवन कभी गति सा,कभी थमा सा...
Santosh Soni
अहिल्या
अहिल्या
Dr.Priya Soni Khare
वो खुशनसीब थे
वो खुशनसीब थे
Dheerja Sharma
भरोसा टूटने की कोई आवाज नहीं होती मगर
भरोसा टूटने की कोई आवाज नहीं होती मगर
Radhakishan R. Mundhra
गीत नया गाता हूँ
गीत नया गाता हूँ
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
पापा के परी
पापा के परी
जय लगन कुमार हैप्पी
औरों के संग
औरों के संग
Punam Pande
कभी न खत्म होने वाला यह समय
कभी न खत्म होने वाला यह समय
प्रेमदास वसु सुरेखा
"एक ही जीवन में
पूर्वार्थ
Love life
Love life
Buddha Prakash
हर बला से दूर रखता,
हर बला से दूर रखता,
Satish Srijan
*** एक दौर....!!! ***
*** एक दौर....!!! ***
VEDANTA PATEL
पिंजरे के पंछी को उड़ने दो
पिंजरे के पंछी को उड़ने दो
Dr Nisha nandini Bhartiya
जिन्दगी कुछ इस कदर रूठ गई है हमसे
जिन्दगी कुछ इस कदर रूठ गई है हमसे
श्याम सिंह बिष्ट
परमात्मा रहता खड़ा , निर्मल मन के द्वार (कुंडलिया)
परमात्मा रहता खड़ा , निर्मल मन के द्वार (कुंडलिया)
Ravi Prakash
सम्मान नहीं मिलता
सम्मान नहीं मिलता
Dr fauzia Naseem shad
सफर अंजान राही नादान
सफर अंजान राही नादान
VINOD CHAUHAN
दोहा
दोहा
दुष्यन्त 'बाबा'
"BETTER COMPANY"
DrLakshman Jha Parimal
डा. अम्बेडकर बुद्ध से बड़े थे / पुस्तक परिचय
डा. अम्बेडकर बुद्ध से बड़े थे / पुस्तक परिचय
Dr MusafiR BaithA
#दोहा
#दोहा
*Author प्रणय प्रभात*
इंसान को,
इंसान को,
नेताम आर सी
#दिनांक:-19/4/2024
#दिनांक:-19/4/2024
Pratibha Pandey
Loading...