गज़ल
इश्क़
ग़ज़ल
रिश्ता वही ज़माने में पैर जमाये रहता है।
जो रिश्ता सबके दिलों ख़ास होता है।।।।।।
चेहरा खुशी से मेरा भी खिल जाता है ।
जब सनम का दिल मेरे पास होता है।।।।
दिल कुछ भी कर गुजरने को तैयार होता है।।।
जब दिलबर का मुझ पर विशवास होता है।।।।।
इश्क में मीठी मीठी सी चुंबन दर्द की आग लगा जाता हैं।
यही दर्द कम होता है।जब उनके आने का एहसास होता है।।।
दिल सोनू का ग़मो को देख सिहर जाता है।
जब इश्क करने वालों का जग में परिहास होता है।।
रचनाकार
गायत्री सोनू जैन
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