मुझे बदनाम करने की कोशिश में लगा है.........,
धड़कनें जो मेरी थम भी जाये तो,
यूँ तो हम अपने दुश्मनों का भी सम्मान करते हैं
यूं हर हर क़दम-ओ-निशां पे है ज़िल्लतें
आज़ाद पैदा हुआ आज़ाद था और आज भी आजाद है।मौत के घाट उतार कर
(25) यह जीवन की साँझ, और यह लम्बा रस्ता !
जिंदगी के तराने
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
दोहा-प्रहार
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मैं चाँद को तोड़ कर लाने से रहा,
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*आई वर्षा देखिए, कैसी है सुर-ताल* (कुंडलिया)
सफलता मिलना कब पक्का हो जाता है।
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
दिल धड़कता नही अब तुम्हारे बिना
पाया ऊँचा ओहदा, रही निम्न क्यों सोच ?
जो गर्मी शीत वर्षा में भी सातों दिन कमाता था।