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3 Jan 2021 · 1 min read

-गोल्डन डेज

जब कभी यादों की बारिश होती है,
तो मेरे चेहरे पर मुस्कराहट बिखरती है,
हमारे सगाई के बाद और शादी से पहले,
क्या सुनहरी कल थे,,,
अक्सर तुम मुझ से मिलने आते थे
कभी छुप कर,कभी सब को बता कर,
अपनी सुखद छाप मुझ पर छोड़ जाते थे,
वेबजह तुझे याद कर मेरे होंठ मुस्कराते थे,
तेरे नाम से मेरे नैना सबसे नजरें चुराते थे,
कभी-कभी तो मेरे हाथ चाय नमकीन और
सब्जी मीठी बना जाते थे…
साझा परिवार था… फिर…
सारे भाई-बहन मिलकर मेरा
सरेआम मजाक बनाते थे ?
मोबाइल नहीं होता उस वक्त,
लेडलाईन☎️पर रात बिताते थे,
फोन मैं नहीं वो ही करते थे
हम तो अपने पापा से डरते थे ?
अपने फोन का बिल वो ही भरते थे,
दिलोजान से वो मुझे प्यार करते थे,
दिल भी मेरा कितना कच्चा था,
बिल्कुल जैसे बच्चा था❣️
उनकी याद में रोता,हंसता था,
सचमुच वो सुनहरी यादें…
आज भी हम दोनों
उन सुखद यादों को,बातों को,
दोहराकर…..
अपनी गृहस्थी को खुशनुमा बनाते हैं।
हर परिस्थिति में एक दूसरे की ताकत बन जाते है।

– सीमा गुप्ता

Language: Hindi
7 Likes · 4 Comments · 262 Views
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