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15 Apr 2018 · 1 min read

गुड़िया रानी

पढ़ी लिखी है गुड़िया रानी
अब देखो हो गई सयानी

लाल चुनर लहँगा लाना है
ब्याह खुशी से रचवाना है

गीता का गुड्डा अच्छा है
लगता प्यारा सा बच्चा है

दान दहेज नहीं मैं दूँगी
साफ साफ ये बात करूँगी

गीता से हामी भरवाई
फिर गुड्डे सँग करी सगाई

जब गुड़िया की हुई विदाई
बात उसे मैंने समझाई

मान बड़ों का तुमको करना
बेटी बनकर घर मे रहना

गीता विनती हाथ जोड़कर
अब रहना माँ इसकी बनकर

मेरे आँगन की फुलवारी
हुई आज से सुनो तुम्हारी

15-04-2018
डॉ अर्चना गुप्ता

278 Views
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