***गुरु है ज्ञान का मोती***
गुरु है ज्ञान का मोती
गुरु से जीवन में ज्योति ।
प्रभु के नाम से पहले
अर्चना जिसकी है होती ।।
उन्हें हम ध्यान में लाएं
शीश चरणों में झुकाएं।
नेह के आशीर्वचनों की
जहां पर बरखा है होती।
कभी वह मीत बनकर के
गमो को बांट लेते हैं ।
जनक जननी की भांति ही
प्यार वह हमको देते हैं।
हमेशा याद रखनी है
उनकी अनमोल कथनी है।
भवसागर के नैया तो
गुरु से पा है होती।
अज्ञानी के संभल हैं
नीति के वह तो निर्धाता ।
भटकता जो भी राहों में
गुरु से मंजिल है पाता ।
वे दानी हैं महादानी
सब कुछ दान दे देते।
अनुनय ले उन्हें पहचान ।
जिंदगी उन से ही बनती ।
*** ०५सितम्बर गुरु को समर्पित ***
राजेश व्यास अनुनय