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14 May 2020 · 2 min read

गुरु जी का महाप्रस्थान

गुरु जी का महाप्रस्थान
—————————

रहे संयमित जीवन के
आजीवन पर्याय गुरुजी
अंत समय भी मृत्यु के सम्मुख
नहीं हुए असहाय गुरुजी

अवतरित हुए जनपद बांदा के
कनवारा शुभ गांव में
बाल्यकाल बीती तरुणाई
मात-पिता की छांव में

युवा हुए ज्ञानार्जन हेतु
काशी नगरी प्रस्थान किए
अद्भुत मेधा के धनी गुरुजी
अर्जित सारे ज्ञान किए

फलित हुए सत्कर्म पिता के
जन्मभूमि भी हरषाई
‘संपूर्णानंद’ का गौरव बन
जब उपाधि ‘शास्त्री’ की पाई

विद्या से अनुराग बहुत था
सो #विद्या जीवन का अंग हुई
हर सुख-दुख बांटे साथ-साथ
जीवन पथ में संग हुई

जीवन बगिया महक उठी
संघर्ष स्वयं ही इत्र बने
एक सुतनया तीन सुतों के
गुरु गौरवशाली पितृ बने

श्री उमाकांत कमला शिवा ने
चातुर्दिक नाम कमाया है
पिता प्रदत्त संस्कारों का
परचम जग में लहराया है

गुरुजी ने ज्ञान विस्तार हेतु
शिक्षक बनना स्वीकार किया
श्री कृष्ण कुमार शास्त्री जी ने
तिन्दवारी में पदभार लिया

संस्कृत भाषा के गौरव बन
सत्यनारायण की पहचान रहे
लगभग तीन दशक से ज्यादा
इंटर कालेज की शान रहे

जनपद में कई हजार शिष्य
गुरुदेव की कृपा के पात्र रहे
कई तो पिता पुत्र दोनों ही
उनकी कक्षा के छात्र रहे

भाग्य उदित हुआ मेरा
गुरुकृपा का पात्र बना
शिक्षा के क्रम में जब मैं
उनकी कक्षा का छात्र बना

कभी क्रोध से डांटा मुझको
कर्तव्यों के प्रति सख्त किया
कभी प्रेममय स्नेहाशीषों से
मेरा मार्ग प्रशस्त किया

कद काठी मजबूत और
चेहरे पर चमक अलौकिक थी
वाणी पर सिद्ध माँ वीणापाणि
छवि गौर वर्ण शुभ दैविक सी

ज्योतिष विद्या में प्रकांड
ग्रह नक्षत्रों के साधक थे
लग्न मैत्री, शुभ मुहूर्त
भूत भविष्य विचारक थे

श्री भगवद चर्चा उनकी शोभा
श्री हरि के परम उपासक थे
जप तप नियम अनुष्ठान
शुभ सत्कर्मों के धारक थे

कितनों के घर बसा गए
कितनों के जीवनदान बने
कितनी ही जटिल समस्याओं के
आप सहज समाधान बने

गुरुदेव आपके जाने से
शान नगर की चली गई
ज्योतिष ज्ञान और धर्मक्षेत्र में
पहचान नगर की चली गई

आपके कई हजार शिष्य
और कुछ परम सनेही जन
होंगे इस आतप से आकुल
मिल सके नहीं अंतिम दर्शन

हे परमपूज्य मेरे गुरुवर
ये शब्द प्रसून समर्पित हैं
शत शत वन्दन नमन संग
हृदय भाव भी अर्पित हैं

दिव्य पुरुष की दिव्यात्मा को
सद्गति और शांति मिले
स्थान मिले हरि चरणों में
जन्म मरण से विश्रांति मिले ..!!

।। ॐ शांतिः शांतिः शांति: ।।

ज्योतिष शास्त्र के प्रकाण्ड विद्वान, देवभाषा संस्कृत के भाषाविद, प्रख्यात भागवताचार्य परमपूज्य गुरुदेव पं0 श्री_कृष्ण_कुमार_शास्त्री (प्राध्यापक, स0ना0इ0का0 तिन्दवारी) को भावभीनी श्रद्धांजलि के रूप में समर्पित मेरे भाव प्रसून …
श्री गुरु चरणों में विनयावनत भाव लिए….
© हरवंश श्रीवास्तव
तिन्दवारी – बाँदा
?????

Language: Hindi
3 Likes · 3 Comments · 394 Views
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