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5 Jul 2020 · 1 min read

गुरुवर

हे ज्ञान चक्षु विज्ञान धन
हे ज्योति जीवन भास्कर,
सुज्ञान अमृत सा दिया
मेरे गुरुवर, तुम कृपा कर।

अज्ञान का घोर अंधकार
थे कलुषित मन विचार
पशुवत सा जीवन मार्ग
तब, गुरु ज्ञान चमत्कार।

रख अभय हस्त सिर पर
सत्मार्ग पर प्रेरित किया,
मानवता का पथ दिखाकर
मुझ अधम पर उपकार किया।।

खुशियाँ दी सखा बनकर
और मातु-पितु सा प्यार,
पथ-प्रदर्शक बन दिशा दी
दार्शनिक बन सुविचार।।

प्रज्ञा विवेकालोकधन
मर्मज्ञ, हे आचार्यवर,
मन प्रफुल्लित शीश पर धर
तव चरणरज, मेरे गुरुवर।।

Language: Hindi
3 Likes · 6 Comments · 349 Views
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