Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Jul 2020 · 1 min read

गुरुवर

हे ज्ञान चक्षु विज्ञान धन
हे ज्योति जीवन भास्कर,
सुज्ञान अमृत सा दिया
मेरे गुरुवर, तुम कृपा कर।

अज्ञान का घोर अंधकार
थे कलुषित मन विचार
पशुवत सा जीवन मार्ग
तब, गुरु ज्ञान चमत्कार।

रख अभय हस्त सिर पर
सत्मार्ग पर प्रेरित किया,
मानवता का पथ दिखाकर
मुझ अधम पर उपकार किया।।

खुशियाँ दी सखा बनकर
और मातु-पितु सा प्यार,
पथ-प्रदर्शक बन दिशा दी
दार्शनिक बन सुविचार।।

प्रज्ञा विवेकालोकधन
मर्मज्ञ, हे आचार्यवर,
मन प्रफुल्लित शीश पर धर
तव चरणरज, मेरे गुरुवर।।

Language: Hindi
3 Likes · 6 Comments · 356 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
शीर्षक - खामोशी
शीर्षक - खामोशी
Neeraj Agarwal
जिंदगी भर किया इंतजार
जिंदगी भर किया इंतजार
पूर्वार्थ
गीत, मेरे गांव के पनघट पर
गीत, मेरे गांव के पनघट पर
Mohan Pandey
हवन - दीपक नीलपदम्
हवन - दीपक नीलपदम्
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
आत्म बोध
आत्म बोध
DR ARUN KUMAR SHASTRI
वंशवादी जहर फैला है हवा में
वंशवादी जहर फैला है हवा में
महेश चन्द्र त्रिपाठी
बिहार से एक महत्वपूर्ण दलित आत्मकथा का प्रकाशन / MUSAFIR BAITHA
बिहार से एक महत्वपूर्ण दलित आत्मकथा का प्रकाशन / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
आगे बढ़कर जीतता, धावक को दे मात (कुंडलिया)
आगे बढ़कर जीतता, धावक को दे मात (कुंडलिया)
Ravi Prakash
होली
होली
Dr Archana Gupta
🙅दद्दू कहिन🙅
🙅दद्दू कहिन🙅
*Author प्रणय प्रभात*
न गिराओ हवाओं मुझे , औकाद में रहो
न गिराओ हवाओं मुझे , औकाद में रहो
कवि दीपक बवेजा
सजदे में सर झुका तो
सजदे में सर झुका तो
shabina. Naaz
23/90.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/90.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बड़ा ही अजीब है
बड़ा ही अजीब है
Atul "Krishn"
हिन्दी हाइकु- शुभ दिपावली
हिन्दी हाइकु- शुभ दिपावली
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
हे मानव! प्रकृति
हे मानव! प्रकृति
साहित्य गौरव
हर लम्हे में
हर लम्हे में
Sangeeta Beniwal
सावन और साजन
सावन और साजन
Ram Krishan Rastogi
A Little Pep Talk
A Little Pep Talk
Ahtesham Ahmad
बादल
बादल
लक्ष्मी सिंह
स्त्री एक कविता है
स्त्री एक कविता है
SATPAL CHAUHAN
The unknown road.
The unknown road.
Manisha Manjari
नारी- स्वरूप
नारी- स्वरूप
Buddha Prakash
हे राम ।
हे राम ।
Anil Mishra Prahari
मेरे हमदर्द मेरे हमराह, बने हो जब से तुम मेरे
मेरे हमदर्द मेरे हमराह, बने हो जब से तुम मेरे
gurudeenverma198
स्त्री
स्त्री
Ajay Mishra
ये जो नखरें हमारी ज़िंदगी करने लगीं हैं..!
ये जो नखरें हमारी ज़िंदगी करने लगीं हैं..!
Hitanshu singh
ये
ये "परवाह" शब्द वो संजीवनी बूटी है
शेखर सिंह
मेरे अंतस में ......
मेरे अंतस में ......
sushil sarna
चार दिन की जिंदगी किस किस से कतरा के चलूं ?
चार दिन की जिंदगी किस किस से कतरा के चलूं ?
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
Loading...