Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Feb 2017 · 2 min read

गुणात्मक शिक्षा मे अभिभावकों का योगदान।

आधुनिक शिक्षा व्यवस्था विशेषकर सरकारी पाठशालाओं मे दी जाने वाली शिक्षा आजकल बहुत सारे प्रयोगों से गुजर रही है।अभी तक पुरी तरह सभी शिक्षाविद् इस निर्णय पर नही पहुंचे की कौन सी पद्धति प्रभावी होगी जिससे गुणात्मक शिक्षा मे सुधार हो।
हमारे देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था होने के कारण शिक्षा को भी उसी आईने से देखा गया है।परिणाम स्वरूप पाठशालाओं की संख्या बढ़ी है बावजूद इसके गुणात्मक शिक्षा मे सुधार नही हुआ बल्कि इसमें और ज्यादा गिरावट आयी है।कारण स्पष्ट है लेकिन उन को जानकर दरकिनार किया जाता है।इसका पूरा जिम्मा शिक्षक समाज पर डाला जाता है।हर प्रकार के प्रशिक्षण करवाकर, पाठशाला मे नित नये नियम लागू कर इसमें सुधार नही हो पाया है।
आज सरकारी पाठशाला मे नामांकन तक भारी संख्या मे गिर रहा है।
मेरे अनुभव के अनुसार सरकारी पाठशाला मे आने वाले अधिकांश बच्चों के माता-पिता या तो अपने बच्चों की शिक्षा के प्रति इतने जागरूक नही या वो अनपढ़ होते है।ऐसे माता-पिता को जागरूक करने की आवश्यकता है।अध्यापकों के प्रशिक्षण के स्थान पर ऐसे माता-पिता को प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए जिससे समाज मे जागरूकता आये।स्कूल प्रबंधन समिति के प्रशिक्षण की तर्ज पर सभी अभिभावकों का प्रशिक्षण होना चाहिए तभी गुणात्मक शिक्षा मे सुधार होगा।साथ ही बच्चों के अभिभावकों को उनकी शिक्षा पूर्ण करवाने हेतु बाध्य करना चाहिए। अनिवार्य शिक्षा मे अभिभावकों की भागीदारी सुनिश्चित होनी चाहिए। यहाँ तक की जो अभिभावक अपने बच्चों का नामांकन पाठशाला मे नही करवाता उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाए तभी गुणात्मक शिक्षा मे सुधार होगा। शिक्षा का अधिकार नियम मे अभिभावक भी जवाबदेह होने चाहिए।। तभी हमारा समाज सम्पूर्ण शिक्षित होगा।
शिक्षित समाज, विकसित समाज।
लेखक:– प्रेम कश्यप

Language: Hindi
Tag: लेख
383 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
🙅आज🙅
🙅आज🙅
*Author प्रणय प्रभात*
मैं आखिर उदास क्यों होउँ
मैं आखिर उदास क्यों होउँ
DrLakshman Jha Parimal
सच की कसौटी
सच की कसौटी
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
*जीवन में खुश रहने की वजह ढूँढना तो वाजिब बात लगती है पर खोद
*जीवन में खुश रहने की वजह ढूँढना तो वाजिब बात लगती है पर खोद
Seema Verma
आसां  है  चाहना  पाना मुमकिन नहीं !
आसां है चाहना पाना मुमकिन नहीं !
Sushmita Singh
खूबसूरत है किसी की कहानी का मुख्य किरदार होना
खूबसूरत है किसी की कहानी का मुख्य किरदार होना
पूर्वार्थ
हाँ, क्या नहीं किया इसके लिए मैंने
हाँ, क्या नहीं किया इसके लिए मैंने
gurudeenverma198
घर एक मंदिर🌷🙏
घर एक मंदिर🌷🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
जिनमें कोई बात होती है ना
जिनमें कोई बात होती है ना
Ranjeet kumar patre
ज़ख्म दिल में छुपा रखा है
ज़ख्म दिल में छुपा रखा है
Surinder blackpen
मानव-जीवन से जुड़ा, कृत कर्मों का चक्र।
मानव-जीवन से जुड़ा, कृत कर्मों का चक्र।
डॉ.सीमा अग्रवाल
"इस जगत में"
Dr. Kishan tandon kranti
रमेशराज के विरोधरस के दोहे
रमेशराज के विरोधरस के दोहे
कवि रमेशराज
डॉ अरुण कुमार शास्त्री ( पूर्व निदेशक – आयुष ) दिल्ली
डॉ अरुण कुमार शास्त्री ( पूर्व निदेशक – आयुष ) दिल्ली
DR ARUN KUMAR SHASTRI
*ठेला (बाल कविता)*
*ठेला (बाल कविता)*
Ravi Prakash
सत्य कहाँ ?
सत्य कहाँ ?
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
कलयुग मे घमंड
कलयुग मे घमंड
Anil chobisa
कर मुसाफिर सफर तू अपने जिंदगी  का,
कर मुसाफिर सफर तू अपने जिंदगी का,
Yogendra Chaturwedi
ओ मेरी सोलमेट जन्मों से - संदीप ठाकुर
ओ मेरी सोलमेट जन्मों से - संदीप ठाकुर
Sundeep Thakur
3007.*पूर्णिका*
3007.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तितली
तितली
Manu Vashistha
💐प्रेम कौतुक-287💐
💐प्रेम कौतुक-287💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
*
*"शिव आराधना"*
Shashi kala vyas
सभ प्रभु केऽ माया थिक...
सभ प्रभु केऽ माया थिक...
मनोज कर्ण
ऐसा बदला है मुकद्दर ए कर्बला की ज़मी तेरा
ऐसा बदला है मुकद्दर ए कर्बला की ज़मी तेरा
shabina. Naaz
दादी की कहानी (कविता)
दादी की कहानी (कविता)
दुष्यन्त 'बाबा'
शादी शुदा कुंवारा (हास्य व्यंग)
शादी शुदा कुंवारा (हास्य व्यंग)
Ram Krishan Rastogi
जीवन अगर आसान नहीं
जीवन अगर आसान नहीं
Dr.Rashmi Mishra
कहां हैं हम
कहां हैं हम
Dr fauzia Naseem shad
ईद की दिली मुबारक बाद
ईद की दिली मुबारक बाद
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
Loading...