Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Oct 2017 · 1 min read

गीत

अंधेरी-सी रात में एक खिड़की डगमगाती है,
सच बताऊँ यारों तो,
एक लड़की मुझे सताती है।
भोली भाली सूरत उसकी मखमली-सी पलकें है,
हल्की इस रोशनी में,
मुझे देख शर्माती है!
सच बताऊँ यारों तो इक लड़की मुझे सताती है,
बिखरी-बिखरी ज़ुल्फ़ें उसकी
शायद घटा बुलाती है,
उसके आँखों के काजल से बारिश भी हो जाती है,
दूर खड़ी वो खिड़की पर मुझे देख मुसकुराती है।
सच बताऊँ यारों तो इक लड़की मुझे सताती है,
उसकी पायल की छम-छम से
एक मदहोशी-सी छा जाती है
ज्यों की आंख बंद करूँ मैं तो सामने वो जाती है,
सच बताऊँ यारों तो इक लड़की मुझे सताती है!
अंधेरी-सी रात में एक खिड़की डगमगाती है,
ज्यों ही आँख खोलता हूँ
मैं तो ख़्वाब वो बन जाती है
रोज़ रात को इसी तरह
इक लड़की मुझे सताती है।
वो तो मेरी आंसू हैं
बेदर्दी

Language: Hindi
Tag: गीत
192 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Man has only one other option in their life....
Man has only one other option in their life....
सिद्धार्थ गोरखपुरी
रास्ता दुर्गम राह कंटीली, कहीं शुष्क, कहीं गीली गीली
रास्ता दुर्गम राह कंटीली, कहीं शुष्क, कहीं गीली गीली
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
विचार और रस [ दो ]
विचार और रस [ दो ]
कवि रमेशराज
नवसंवत्सर 2080 कि ज्योतिषीय विवेचना
नवसंवत्सर 2080 कि ज्योतिषीय विवेचना
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
किस बात का गुरुर हैं,जनाब
किस बात का गुरुर हैं,जनाब
शेखर सिंह
Gatha ek naari ki
Gatha ek naari ki
Sonia Yadav
जिज्ञासा
जिज्ञासा
Dr. Harvinder Singh Bakshi
विलोमात्मक प्रभाव~
विलोमात्मक प्रभाव~
दिनेश एल० "जैहिंद"
"एक ही जीवन में
पूर्वार्थ
जख्मो से भी हमारा रिश्ता इस तरह पुराना था
जख्मो से भी हमारा रिश्ता इस तरह पुराना था
कवि दीपक बवेजा
*जब तू रूठ जाता है*
*जब तू रूठ जाता है*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
खोखला अहं
खोखला अहं
Madhavi Srivastava
"समय क़िस्मत कभी भगवान को तुम दोष मत देना
आर.एस. 'प्रीतम'
आप और हम जीवन के सच ..........एक प्रयास
आप और हम जीवन के सच ..........एक प्रयास
Neeraj Agarwal
💐प्रेम कौतुक-338💐
💐प्रेम कौतुक-338💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
3136.*पूर्णिका*
3136.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
नारी जीवन
नारी जीवन
Aman Sinha
■ जीवन दर्शन...
■ जीवन दर्शन...
*Author प्रणय प्रभात*
हमें उससे नहीं कोई गिला भी
हमें उससे नहीं कोई गिला भी
Irshad Aatif
समस्या का समाधान
समस्या का समाधान
Paras Nath Jha
देकर हुनर कलम का,
देकर हुनर कलम का,
Satish Srijan
गरीबी में सौन्दर्य है।
गरीबी में सौन्दर्य है।
Acharya Rama Nand Mandal
बड़ा आदमी (हास्य व्यंग्य)
बड़ा आदमी (हास्य व्यंग्य)
Ravi Prakash
मुक्तक
मुक्तक
Mahender Singh
दीवानी कान्हा की
दीवानी कान्हा की
rajesh Purohit
इंतिज़ार
इंतिज़ार
Shyam Sundar Subramanian
सबके सामने रहती है,
सबके सामने रहती है,
लक्ष्मी सिंह
दवा की तलाश में रहा दुआ को छोड़कर,
दवा की तलाश में रहा दुआ को छोड़कर,
Vishal babu (vishu)
ईश्वर के सम्मुख अनुरोध भी जरूरी है
ईश्वर के सम्मुख अनुरोध भी जरूरी है
Ajad Mandori
संस्कार और अहंकार में बस इतना फर्क है कि एक झुक जाता है दूसर
संस्कार और अहंकार में बस इतना फर्क है कि एक झुक जाता है दूसर
Rj Anand Prajapati
Loading...