Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Aug 2019 · 1 min read

गीत

“मूक-व्यथा मैं किसे सुनाऊँ?”
————————————

प्रीति राम की,समझ न पाऊँ।
मूक -व्यथा मैं,किसे सुनाऊँ?

भक्त भीलिनी, पंथ बुहारे
नयन नीर भर, बाट निहारे।।
कंद-मूल फल, चखि-चखि डारे।
सुमन बिछा पथ, राम पुकारे।
प्रभु-पद-पंकज, कैसे पाऊँ?
मूक -व्यथा मैं, किसे सुनाऊँ?

उन्मादित नभ, बादल छाओ।
सरस-नेह भू पर, छितराओ।।
शुष्क -नयन की,प्यास बुझाओ।
अब शबरी को, राह दिखाओ।।
राम-दरश की आस लगाऊँ।
मूक -व्यथा मैं किसे सुनाऊँ?

सहसा कूल -सरित हरषाए।
षटपद, सरसिज पर मँडराए।।
सुरभित,पुष्पित,उपवन छाए।
खग-कलरव-स्वर कर्ण सुहाए।।
प्रेम-तृषित मन में अकुलाऊँ।
मूक-व्यथा मैं किसे सुनाऊँ?

लखन-राम मूरति मन भाई।
राम- चरण शबरी बिलखाई।।
आँचल से आसन सुथराई।
नेह-सने चुन, बेर खिलाई।।
दुख-भंजन -पग, शीश नवाऊँ।
मूक -व्यथा मैं किसे सुनाऊँ?

डॉ. रजनी अग्रवाल ‘वाग्देवी रत्ना’
वाराणसी (उ. प्र.)
संपादिका-साहित्य धरोहर

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 1 Comment · 240 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना'
View all
You may also like:
आंखो के पलको पर जब राज तुम्हारा होता है
आंखो के पलको पर जब राज तुम्हारा होता है
Kunal Prashant
"विजेता"
Dr. Kishan tandon kranti
3210.*पूर्णिका*
3210.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
होली के कुण्डलिया
होली के कुण्डलिया
Vijay kumar Pandey
मेरा हर राज़ खोल सकता है
मेरा हर राज़ खोल सकता है
Shweta Soni
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
एक ऐसा दोस्त
एक ऐसा दोस्त
Vandna Thakur
अवावील की तरह
अवावील की तरह
abhishek rajak
Yaade tumhari satane lagi h
Yaade tumhari satane lagi h
Kumar lalit
* मुझे क्या ? *
* मुझे क्या ? *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
तोंदू भाई, तोंदू भाई..!!
तोंदू भाई, तोंदू भाई..!!
Kanchan Khanna
स्वार्थ सिद्धि उन्मुक्त
स्वार्थ सिद्धि उन्मुक्त
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
अज्ञानी की कलम
अज्ञानी की कलम
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
मैं ना जाने क्या कर रहा...!
मैं ना जाने क्या कर रहा...!
भवेश
अंजाम
अंजाम
Bodhisatva kastooriya
ये जाति और ये मजहब दुकान थोड़ी है।
ये जाति और ये मजहब दुकान थोड़ी है।
सत्य कुमार प्रेमी
एक तूही दयावान
एक तूही दयावान
Basant Bhagawan Roy
*चंदा मॉंगो शान से, झाड़ो बढ़िया ज्ञान (कुंडलिया)*
*चंदा मॉंगो शान से, झाड़ो बढ़िया ज्ञान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
हर घर में नहीं आती लक्ष्मी
हर घर में नहीं आती लक्ष्मी
कवि रमेशराज
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Jitendra Kumar Noor
🕉️🌸आम का पेड़🌸🕉️
🕉️🌸आम का पेड़🌸🕉️
Radhakishan R. Mundhra
महिला दिवस पर एक व्यंग
महिला दिवस पर एक व्यंग
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
dream of change in society
dream of change in society
Desert fellow Rakesh
कल रहूॅं-ना रहूॅं...
कल रहूॅं-ना रहूॅं...
पंकज कुमार कर्ण
" नई चढ़ाई चढ़ना है "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
खंड: 1
खंड: 1
Rambali Mishra
At the age of 18, 19, 20, 21+ you will start to realize that
At the age of 18, 19, 20, 21+ you will start to realize that
पूर्वार्थ
#आज_का_नारा
#आज_का_नारा
*Author प्रणय प्रभात*
💐 Prodigy Love-5💐
💐 Prodigy Love-5💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
" मेरी तरह "
Aarti sirsat
Loading...