Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Nov 2016 · 1 min read

गीत

मन की बोली

मन की बोली जो कोई जाने,
वो ही अपना कहलाता है।
मन वो पंछी जो निश- दिन, हमको,
ख़्वाब सुनहरे दिखलाता है।
यूँ तो चाहे आज़ादी ये पर,
रिश्ते- बंधन प्रिय पाता है।
भीड़ परायों की कम ही भाये,
केवल कुछ अपने प्रिय- जन है।
जीवन में जो कुछ भी पाये,
नाम उन्हीं के कर जाता है।
सुख में दुख में हो या बेसुध में,
केवल उनका कहलाता है।
खोकर चैन, अमन, धन या जीवन,
वापस घर आना चाहता है।

Language: Hindi
Tag: गीत
436 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*परिस्थिति चाहे जैसी हो, उन्हें स्वीकार होती है (मुक्तक)*
*परिस्थिति चाहे जैसी हो, उन्हें स्वीकार होती है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
अधूरेपन की बात अब मुझसे न कीजिए,
अधूरेपन की बात अब मुझसे न कीजिए,
सिद्धार्थ गोरखपुरी
प्रात काल की शुद्ध हवा
प्रात काल की शुद्ध हवा
लक्ष्मी सिंह
जीवन की परख
जीवन की परख
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
■ एक_और_बरसी...
■ एक_और_बरसी...
*Author प्रणय प्रभात*
"दिल चाहता है"
Pushpraj Anant
होकर उल्लू पर सवार
होकर उल्लू पर सवार
Pratibha Pandey
गुमनाम रहने दो मुझे।
गुमनाम रहने दो मुझे।
Satish Srijan
जीवन  के  हर  चरण  में,
जीवन के हर चरण में,
Sueta Dutt Chaudhary Fiji
पता नहीं किसने
पता नहीं किसने
Anil Mishra Prahari
ले आओ बरसात
ले आओ बरसात
Santosh Barmaiya #jay
बिना कोई परिश्रम के, न किस्मत रंग लाती है।
बिना कोई परिश्रम के, न किस्मत रंग लाती है।
सत्य कुमार प्रेमी
दया के पावन भाव से
दया के पावन भाव से
Dr fauzia Naseem shad
करोगे रूह से जो काम दिल रुस्तम बना दोगे
करोगे रूह से जो काम दिल रुस्तम बना दोगे
आर.एस. 'प्रीतम'
usne kuchh is tarah tarif ki meri.....ki mujhe uski tarif pa
usne kuchh is tarah tarif ki meri.....ki mujhe uski tarif pa
Rakesh Singh
जो सच में प्रेम करते हैं,
जो सच में प्रेम करते हैं,
Dr. Man Mohan Krishna
कुछ गम सुलगते है हमारे सीने में।
कुछ गम सुलगते है हमारे सीने में।
Taj Mohammad
🙏😊🙏
🙏😊🙏
Neelam Sharma
3108.*पूर्णिका*
3108.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मनका छंद ....
मनका छंद ....
sushil sarna
कोई काम हो तो बताना,पर जरूरत पर बहाना
कोई काम हो तो बताना,पर जरूरत पर बहाना
पूर्वार्थ
बहुत हैं!
बहुत हैं!
Srishty Bansal
रक्तदान
रक्तदान
Dr. Pradeep Kumar Sharma
"बेकसूर"
Dr. Kishan tandon kranti
मुझे छूकर मौत करीब से गुजरी है...
मुझे छूकर मौत करीब से गुजरी है...
राहुल रायकवार जज़्बाती
मुक्तक
मुक्तक
प्रीतम श्रावस्तवी
बदनसीब लाइका ( अंतरिक्ष पर भेजी जाने वाला पशु )
बदनसीब लाइका ( अंतरिक्ष पर भेजी जाने वाला पशु )
ओनिका सेतिया 'अनु '
बड़ा भाई बोल रहा हूं।
बड़ा भाई बोल रहा हूं।
SATPAL CHAUHAN
पुस्तक
पुस्तक
जगदीश लववंशी
💐प्रेम कौतुक-539💐
💐प्रेम कौतुक-539💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Loading...