Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Apr 2020 · 1 min read

गीत

प्रकृति

नील नीरद नेह बरसाकर हँसाने आ गया,
पीर वसुधा की चुराकर गुदगुदाने आ गया।

वृक्ष, पर्वत, चंद्र, सूरज बन रहे उपहार हैं,
ऊष्ण, बंजर इस धरा का कर रहे शृंगार हैं।
हरित आभा देख भ्रमरा गुनगुनाने आ गया,
पीर वसुधा की चुराकर गुदगुदाने आ गया।

झील, नदियाँ, धवल धारा गीत मंगल गा रहीं,
तारिका के घट डुबोकर नीर अबला ला रहीं।
सोम सलिला में उतर यौवन लुटाने आ गया,
पीर वसुधा की चुराकर गुदगुदाने आ गया।

आज वर्षों बाद खुशहाली धरा पर छा गयी,
झूमकर माली कहे रौनक ज़मीं पर आ गयी।
रूप सतरंगी सुमन रखकर लुभाने आ गया,
नील नीरद नेह बरसाकर हँसाने आ गया,
पीर वसुधा की चुराकर गुदगुदाने आ गया।

डॉ. रजनी अग्रवाल ‘वाग्देवी रत्ना’

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 1 Comment · 465 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना'
View all
You may also like:
जाने कहां गई वो बातें
जाने कहां गई वो बातें
Suryakant Dwivedi
दुल्हन एक रात की
दुल्हन एक रात की
Neeraj Agarwal
*साँसों ने तड़फना कब छोड़ा*
*साँसों ने तड़फना कब छोड़ा*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
कंक्रीट के गुलशन में
कंक्रीट के गुलशन में
Satish Srijan
नवयुग का भारत
नवयुग का भारत
AMRESH KUMAR VERMA
पुर-नूर ख़यालों के जज़्तबात तेरी बंसी।
पुर-नूर ख़यालों के जज़्तबात तेरी बंसी।
Neelam Sharma
धमकी तुमने दे डाली
धमकी तुमने दे डाली
Shravan singh
They say,
They say, "Being in a relationship distracts you from your c
पूर्वार्थ
"वीक-एंड" के चक्कर में
*Author प्रणय प्रभात*
जीवन दिव्य बन जाता
जीवन दिव्य बन जाता
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
रूप पर अनुरक्त होकर आयु की अभिव्यंजिका है
रूप पर अनुरक्त होकर आयु की अभिव्यंजिका है
महेश चन्द्र त्रिपाठी
"चुनौतियाँ"
Dr. Kishan tandon kranti
अधूरी हसरतें
अधूरी हसरतें
Surinder blackpen
💐प्रेम कौतुक-368💐
💐प्रेम कौतुक-368💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
बहू हो या बेटी ,
बहू हो या बेटी ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
ना जाने क्यों...?
ना जाने क्यों...?
भवेश
मंगल दीप जलाओ रे
मंगल दीप जलाओ रे
नेताम आर सी
हे नाथ आपकी परम कृपा से, उत्तम योनि पाई है।
हे नाथ आपकी परम कृपा से, उत्तम योनि पाई है।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
पद्मावती छंद
पद्मावती छंद
Subhash Singhai
व्यक्ति के शब्द ही उसके सोच को परिलक्षित कर देते है शब्द आपक
व्यक्ति के शब्द ही उसके सोच को परिलक्षित कर देते है शब्द आपक
Rj Anand Prajapati
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
#drarunkumarshastriblogger
#drarunkumarshastriblogger
DR ARUN KUMAR SHASTRI
हर एकपल तेरी दया से माँ
हर एकपल तेरी दया से माँ
Basant Bhagawan Roy
स्पेशल अंदाज में बर्थ डे सेलिब्रेशन
स्पेशल अंदाज में बर्थ डे सेलिब्रेशन
Dr. Pradeep Kumar Sharma
हाँ ये सच है कि मैं उससे प्यार करता हूँ
हाँ ये सच है कि मैं उससे प्यार करता हूँ
Dr. Man Mohan Krishna
युद्ध घोष
युद्ध घोष
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
दीवाली
दीवाली
Mukesh Kumar Sonkar
2879.*पूर्णिका*
2879.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
वृंदावन की यात्रा (यात्रा वृत्तांत)
वृंदावन की यात्रा (यात्रा वृत्तांत)
Ravi Prakash
बचपन का प्यार
बचपन का प्यार
Vandna Thakur
Loading...