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14 Jan 2020 · 1 min read

गीत-समय बड़ा बलवान

वक्त के हाथों जीवन के कमान की।
जय बोलो, बोलो समय बलवान की।।

तुमको आज सुनाएं किस्सा, जो है आंखों देखा।
जीवन था निर्वाध,नहीं थी कोई लक्ष्मण रेखा।।
जब जो मन में आया, वैसा नेताजी करते थे।
ताकत पर इतराते थे, कानून से न डरते थे।।

पर आज हद है, हालात-ए-परेशान की।
जय बोलो, बोलो समय बलवान की।।

रुतबा ऐसा मानों चमड़े का सिक्का चलता था।
नजर फिरी तो नौकरशाही का सूरज ढलता था।।
एसपी, डीएम क्या सीएम तक बात नहीं टलती थी।
और किसी की सूबे भर में दाल नहीं गलती थी।

तूती बोलती थी टीपू के चचाजान की।
जय बोलो, बोलो समय बलवान की।।

थे बजीर तो हुई थी चोरी, इनके भैंसखाने में।
यूपी भर की लगी पुलिस भैसों को ढूढवाने में।।
लेकिन, बदले वक़्त ने देखो, हालत ऐसी कर दी।
बजी डुगडुगी, हुई मुनादी, समय बड़ा बेदर्दी।।

चिंदी-चिंदी हो गई, इज्जत देखों खान की।
जय बोलो, बोलो समय बलवान की।।
-विपिन शर्मा,
रामपुर, 9719046900

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 359 Views
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