गीत : मोहब्बत का तराना……..???
नफ़रत का का नहीं मैं,मोहब्बत का नज़राना लेकर आया हूँ।
प्यार सत्य संसार मिथ्या,दिल में यही तराना लेकर आया हूँ।।
सौदागर हूँ मैं,सौदेबाजी करता हूँ।
प्यार के बदले,प्यार बेचा करता हूँ।
गुण की पूजा,अवगुण की घृणा हूँ।
भटके पंथी की,मैं स्वयं प्रेरणा हूँ।
ग़म को हरने ख़ुशी भरने,परिंदा उड़ने का बहाना लेकर आया हूँ।
प्यार सत्य…………………
शक्ति पहचानो,जागरुक हो संघर्ष करो।
तुम सर्वोपरि हो,न किसी से भी डरो।
हीन भाव छोड़ो,घृणा से डटकर लड़ो।
जीवन-अंगुठी में,सफलता-मोती जड़ो।
अँधेरी गुफ़ाओं से,मैं उजाले का तुम्हें महल दिलाने आया हूँ।
प्यार सत्य………………….
अन्याय से लड़ो,चाहे प्राण चले जाएं।
शरीर मिटे पर,आत्मा फिर लोट आए।
मोह त्यागो तुम,फिर किसका ग़म होगा।
न दिल रोयेगा,न आँसू का सितम होगा।
मरना-जीना तो भ्रम,मरकर जीने की कला सिखाने आया हूँ।
प्यार सत्य………………….
तुम दबोगे आज,कल नस्लें दब जाएंगी।
माँ-बाप के रिवाज़,वो निभाती जाएंगी।
उठो,लड़ो न डरो,मौत से बढ़कर क्या।
दब जीते मरो तुम,पागल कहे है जहां।
सरफ़रोशी का राग,मैं आज तुम्हे फिर से सुनाने आया हूँ।
प्यार सत्य………………..
राधेयश्याम बंगालिया “प्रीतम”
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