Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Sep 2016 · 1 min read

गीत- कहने को तो साथ हमारे चाँद-सितारे रहते हैं

गीत- कहने को तो साथ हमारे चाँद-सितारे रहते हैं
________________________________
तुम रहते हो, खुशियों के भी मौसम सारे रहते हैं
फिर भी हम जीवन से कितने हारे-हारे रहते हैं

थक जाते हैं चलते चलते
कैसी मंजिल ढूँढ रहे
मझधारों से प्यार किया है
लेकिन साहिल ढूँढ रहे
कहने को तो साथ हमारे चाँद-सितारे रहते हैं-
फिर भी हम जीवन से कितने हारे-हारे रहते हैं

महफिल में हैं फिर भी जैसे
लगता आज अकेले हैं
हमने तो बस रोना सीखा
जग में कितने मेले हैं
दुनिया के हर खिलते लम्हें साथ हमारे रहतेे हैं
फिर भी हम जीवन से कितने हारे-हारे रहते हैं

दर्द भरे धुन गाने वाले
साज बजाते शहनाई
दिन की चाहत में कट जाती
रातों की भी तन्हाई
फूलों के सँग काँटे भी तो रूप सँवारे रहते हैं-
फिर भी हम जीवन से कितने हारे-हारे रहते हैं

– आकाश महेशपुरी

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 1 Comment · 361 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बल से दुश्मन को मिटाने
बल से दुश्मन को मिटाने
Anil Mishra Prahari
वक्त से गुज़ारिश
वक्त से गुज़ारिश
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
हर खुशी
हर खुशी
Dr fauzia Naseem shad
मैं कुछ इस तरह
मैं कुछ इस तरह
Dr Manju Saini
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Jitendra Kumar Noor
■ #यादों_का_आईना
■ #यादों_का_आईना
*Author प्रणय प्रभात*
💐प्रेम कौतुक-484💐
💐प्रेम कौतुक-484💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
लोग महापुरुषों एवम् बड़ी हस्तियों के छोटे से विचार को भी काफ
लोग महापुरुषों एवम् बड़ी हस्तियों के छोटे से विचार को भी काफ
Rj Anand Prajapati
विजयी
विजयी
Raju Gajbhiye
"गरीब की बचत"
Dr. Kishan tandon kranti
🌲प्रकृति
🌲प्रकृति
Pt. Brajesh Kumar Nayak
हर चेहरा है खूबसूरत
हर चेहरा है खूबसूरत
Surinder blackpen
कल हमारे साथ जो थे
कल हमारे साथ जो थे
ruby kumari
*घर-घर में झगड़े हुए, घर-घर होते क्लेश 【कुंडलिया】*
*घर-घर में झगड़े हुए, घर-घर होते क्लेश 【कुंडलिया】*
Ravi Prakash
अपनी इस तक़दीर पर हरपल भरोसा न करो ।
अपनी इस तक़दीर पर हरपल भरोसा न करो ।
Phool gufran
प्रकृति का प्रकोप
प्रकृति का प्रकोप
Kanchan verma
साज़िश
साज़िश
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
पल
पल
Sangeeta Beniwal
पिता की व्यथा
पिता की व्यथा
मनोज कर्ण
भूख दौलत की जिसे,  रब उससे
भूख दौलत की जिसे, रब उससे
Anis Shah
मुक्तक
मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
Pyar ke chappu se , jindagi ka naiya par lagane chale the ha
Pyar ke chappu se , jindagi ka naiya par lagane chale the ha
Sakshi Tripathi
पूस की रात
पूस की रात
Atul "Krishn"
चाय और सिगरेट
चाय और सिगरेट
आकाश महेशपुरी
Forget and Forgive Solve Many Problems
Forget and Forgive Solve Many Problems
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
*देश की आत्मा है हिंदी*
*देश की आत्मा है हिंदी*
Shashi kala vyas
रामचरित पे संशय (मुक्तक)
रामचरित पे संशय (मुक्तक)
पंकज कुमार कर्ण
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
DR ARUN KUMAR SHASTRI
तुम ढाल हो मेरी
तुम ढाल हो मेरी
गुप्तरत्न
पंचतत्व
पंचतत्व
लक्ष्मी सिंह
Loading...