गीत :तेरी-मेरी नहीं दिल की बात….???
तेरी-मेरी नहीं,दिल की बात होगी आज।
वो आगे आए,जिसके कलेजे होगी खाज।।
तू अभिमान भरा है,मैं भी नहीं हूँ खाली।
तू डाल-डाल है तो,मैं पात-पात सवाली।
तेरे सिर पर ताज़,तो सर्वोपरि मेरी लाज।
वो आगे…………………।
पैसे का घमंड न कर,मैं इससे ऊपर हूँ।
तू उड़ता परिंदा है तो,मैं जमता भूपर हूँ।
जब गिरा तड़ेपेगा तू,छिन जाए तेरा ताज़।
वो आगे………………….।
ऊँचे कुल जन्मा तू,कर्म से नीच मगर है।
मैं जलता सूरज हूँ,तू अँधेरे का अग्रज है।
तू काल परिभाषा,मैं महाकाल का बाज।
वो आगे………………….।
तू जल की फुहार,मगर मैं अग्नि हूँ रूप।
तू छाँव है पेड़ की,मैं सूरज की हूँ धूप।
तू अमीर का बिगड़ा,मैं ग़रीब की हूँ लाज।
वो आगे………………….।
तू चिकना ऐश का,मैं पका हूँ संकट का।
तू ख़ुशबू कृत्रिम की,मैं प्राकृतिक घट का।
तेरे सिर पर ताज़,मेरे सिर पर है रिवाज़।
वो आगे………………….
तूने पढ़ी क़िताबें,मैंने ली धरातल की सीख।
तू सोया गद्दों पर,मुझे मिली भू की भीख।
तू रोया डा.आए,मैं रोया मिला आँसू-समाज।
वो आगे…………………..।
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राधेयश्याम….बंगालिया….प्रीतम….कृत